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वडोदरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश में रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम नयी ऊंचाई छू रहा है और इससे भविष्य में ‘मेड इन इंडिया नागरिक विमानों’ के बनाये जाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
श्री मोदी ने सोमवार को यहां स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ के साथ टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) परिसर में सी-295 सैन्य परिवहन विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। ये विमान वायु सेना की परिवहन जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे। दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस अवसर पर प्रदर्शित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि वह आज के कार्यक्रम को परिवहन विमान के निर्माण से परे देख रहे हैं। उन्होंने पिछले दशक में भारत के विमानन क्षेत्र की अभूतपूर्व वृद्धि और परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत देश के सैकड़ों छोटे शहरों को हवाई कनेक्टिविटी प्रदान कर रहा है, साथ ही देश को विमानन का केंद्र बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह पारिस्थितिकी तंत्र भविष्य में मेड इन इंडिया नागरिक विमानों के लिए भी मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न भारतीय एयरलाइनों ने 1200 नए विमानों का ऑर्डर दिया है, इसका मतलब केवल यह है कि नव उद्घाटन कारखाना भविष्य में भारत और दुनिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए नागरिक विमानों के डिजाइन से लेकर निर्माण तक प्रमुख भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेन के प्रधानमंत्री श्री सांचेज़ की भारत की पहली यात्रा है और दोनों देशों के बीच साझेदारी आज एक नई दिशा पा रही है। उन्होंने कहा कि सी-295 विमान निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के मिशन को भी गति देगा। श्री मोदी ने इस अवसर पर एयरबस और टाटा की पूरी टीम को शुभकामनाएं दीं और स्वर्गीय श्री रतन टाटा जी को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्री मोदी ने कहा कि सी-295 विमान का कारखाना नए भारत की नई कार्य संस्कृति का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी परियोजना के विचार से लेकर कार्यान्वयन तक भारत की गति यहां देखी जा सकती है। उन्होंंने अक्टूबर 2022 में कारखाने की आधारशिला रखने को याद करते हुए कहा कि यह सुविधा अब सी-295 विमानों के उत्पादन के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन में बेहिसाब देरी को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में वडोदरा में बॉम्बार्डियर ट्रेन कोच विनिर्माण सुविधा की स्थापना को याद किया और कहा कि कारखाना उत्पादन के लिए रिकॉर्ड समय में तैयार हो गया था। उन्होंने कहा, ‘इस फैक्टरी में बने मेट्रो कोच आज दूसरे देशों में निर्यात किए जा रहे हैं।’ उन्होंंने विश्वास जताया कि आज की उद्घाटन सुविधा में बने विमानों का निर्यात भी किया जाएगा।
प्रसिद्ध स्पेनिश कवि, एंटोनियो मचाडो को उद्धृत करते हुए, प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि जैसे ही हम लक्ष्य की ओर बढ़ना शुरू करते हैं, लक्ष्य की ओर रास्ता अपने आप बन जाता है। उन्होंंने कहा कि भारत का रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र आज नई ऊंचाइयों को छू रहा है और अगर 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए गए होते तो आज इस मंजिल तक पहुंचना असंभव होता। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले रक्षा विनिर्माण की प्राथमिकता और पहचान आयात को लेकर थी और कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर रक्षा विनिर्माण हो सकता है। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि सरकार ने एक नए रास्ते पर चलने का फैसला किया, भारत के लिए नए लक्ष्य निर्धारित किए, जिसके परिणाम आज स्पष्ट हैं।
श्री मोदी ने कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र में बदलाव इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक सही योजना और साझेदारी संभावनाओं को समृद्धि में बदल सकती है। उन्होंने रेखांकित किया कि रणनीतिक निर्णयों ने पिछले दशक में भारत में एक जीवंत रक्षा उद्योग के विकास को बढ़ावा दिया है। श्री मोदी ने कहा, “हमने रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी का विस्तार किया, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को अधिक कुशल बनाया, आयुध कारखानों को सात प्रमुख कंपनियों में पुनर्गठित किया और डीआरडीओ तथा एचएएल को सशक्त बनाया। 
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारे स्थापित करने से इस क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार योजना पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने पिछले पांच से छह वर्षों में लगभग 1,000 रक्षा स्टार्टअप के विकास को प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में भारत का रक्षा निर्यात 30 गुना बढ़ गया है, देश अब 100 से अधिक देशों को उपकरण निर्यात कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कौशल और रोजगार सृजन पर जोर दिया और कहा कि एयरबस-टाटा फैक्टरी जैसी परियोजनाओं से हजारों नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि फैक्टरी 18,000 विमान भागों के स्वदेशी विनिर्माण का समर्थन करेगी, जिससे पूरे भारत में एमएसएमई के लिए अपार अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंंने कहा कि भारत आज भी दुनिया की प्रमुख विमान कंपनियों के लिए कलपुर्जों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। श्री मोदी ने कहा कि नई विमान फैक्टरी भारत में नए कौशल और नए उद्योगों को बड़ा बढ़ावा देगी।
प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि आज का कार्यक्रम भारत और स्पेन के बीच कई नई संयुक्त सहयोग परियोजनाओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने स्पेनिश उद्योग और नवप्रवर्तकों को निमंत्रण दिया और उन्हें भारत आने तथा देश की विकास यात्रा में भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्रालय ने सितम्बर 2021 में वायु सेना के लिए 56 मालवाहक विमानों की खरीद के वास्ते स्पेन की कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एस ए के साथ 21 हजार 935 करोड़ रुपये का अनुबंध किया था। इनमें से 16 विमान पूरी तरह से तैयार स्थिति में मिलने हैं जबकि 40 भारतीय कंपनी टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड द्वारा देश में ही वडोदरा में बनाये जायेंगे। पूरी तरह से तैयार 16 विमानों में छह वायु सेना को अभी तक मिल चुके हैं। बाकी 10 विमानों की आपूर्ति अगले वर्ष अगस्त तक हो जायेगी। ये विमान वायु सेना के पुराने पड़ चुके एवरो मालवाहक विमानों की जगह लेंगे। इन विमानों की खरीद 1960 के दशक में की गयी थी।
वडोदरा इकाई में दिसम्बर से विनिर्माण कार्य शुरू हो जायेगा और देश में पहला विमान सितम्बर 2026 में बनकर तैयार हो जायेगा तथा बाकी के 39 विमान अगस्त 2031 तक बना लिए जायेंगे। सी-295 नयी पीढ़ी का बहुमुखी सामरिक एयरलिफ्ट विमान है जो दिन और रात सभी प्रकार की मौसम स्थितियों में हवाई परिवहन मिशन चलाने में सक्षम है। यह नयी पीढ़ी का परिवहन विमान है जिसका उपयोग एयरलिफ्ट संचालन के लिए किया जाता है। विमान में आधुनिक तकनीक और एवियोनिक्स है और यह 9.5 टन के पेलोड के साथ संभवत अपनी श्रेणी में सबसे अच्छा है।
भारत में बनाए जाने वाले 40 विमानों के लिए उपकरण, उप-असेंबली और एयरो संरचना की प्रमुख असेंबलियों का एक बड़ा हिस्सा भारत में निर्मित करने की योजना है। एयरो इंजन और एवियोनिक्स के अलावा अन्य संरचनात्मक हिस्से ज्यादातर भारत में बनाए जाएंगे। इस विमान में इस्तेमाल होने वाले 14000 विस्तृत हिस्सों में से 13000 भारत में कच्चे माल से बनाए जाएंगे।
देश में बनाये जाने वाले पहले 16 विमानों में 48 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री होगी जिसे बाद के 24 विमानों में बढाकर 75 प्रतिशत किया जायेगा। एयरबस स्पेन में एक विमान के निर्माण के लिए जितने मानव घंटे नियोजित करता है, उसे धीरे-धीरे भारत में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। शुरू में पहले पांच विमानों के लिए यह 78 प्रतिशत होगा, जो शेष 35 विमानों के लिए बढ़कर 96 प्रतिशत हो जाएगा।
इस परियोजना से एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में 42.5 लाख से अधिक मानव-घंटे के काम के साथ प्रत्यक्ष रूप से 600 अत्यधिक कुशल नौकरियां, 3,000 से अधिक अप्रत्यक्ष नौकरियां और अतिरिक्त 3,000 मध्यम-कौशल रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।