0 जयशंकर बोले- बॉर्डर से पीछे हटीं भारत-चीन सेनाएं
0 21 अक्टूबर को समझौता हुआ था
कैनबरा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को बताया कि चीन के साथ 'डिसइंगेजमेंट चैप्टर' अब खत्म हो गया है। दोनों देशों की सेनाएं एलएसी से लगे देपसांग और डेमचोक के विवादित क्षेत्र से अपनी वापसी का काम पूरा कर चुकी हैं। अब मामला काफी आगे बढ़ चुका है। जयशंकर कैनबरा में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पैनी वोंग के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि डिसइंगेजमेंट पूरा होने के बाद अब दोनों देशों का फोकस डी-एस्केलेशन पर होगा। इसके लिए विदेश मंत्रियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की जल्द ही बैठक होगी। जयशंकर ने किसी तारीख का जिक्र नहीं किया।
सैनिकों की संख्या कम करना चुनौती
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि एक बार जब सैनिकों के सीमा से पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो हमारे पास अन्य चुनौतियां होंगी। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों में दोनों ओर सैनिकों की संख्या कम करना भी शामिल है। जयशंकर बोले- ब्रिक्स की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई है। इसमें दोनों देशों ने अपने विदेश मंत्री और एनएसए के बीच बैठक को लेकर सहमति दी है। पीएम मोदी ने तब कहा था कि दोनों देशों के संबंध हमारे लोगों, वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए जरूरी हैं।
2020 में बिगड़ने शुरू हुए थे रिश्ते
भारत, चीन के साथ 3440 किमी लंबा बॉर्डर साझा करता है। दोनों देशों के बीच 2020 में सीमा पर तनाव शुरू हुआ। इस दौरान पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच बीते एक दशक की गंभीर झड़प हुई थी। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन ने अब तक कोई आंकड़ा नहीं बताया है।
चीन ने कहा- दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ेंगे
इससे पहले, भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा कि चीनी और भारतीय सेना सीमा से जुड़े मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों को लागू कर रही हैं। यह फिलहाल सुचारू रूप से चल रहा है। साथ ही भारत में चीन के राजदूत शू फेईहोन्ग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ेंगे। यह किसी खास असहमति से प्रभावित नहीं होंगे।
भारत और चीन के बीच 4 बड़े सैन्य गतिरोध
0 जून 2020, गलवान घाटी झड़प : 45 साल बाद पहला संघर्ष जिसमें जवानों की जान गई। भारत के 20 जवान शहीद हुए थे।
0 जनवरी 2021, सिक्किम झड़प : नाथु-ला-पास के करीब दोनों देशों के सैनिकों की झड़प जिसमें दोनों ओर के सैनिक घायल हुए।
0 सितंबर 2021, पैंगोंग फायरिंग : दोनों ओर से चेतावनी देते हुए फायरिंग की गई। यह 1996 के ‘नो फायरआर्म्स’ समझौते का उल्लंघन था।
0 दिसंबर 2022, तवांग झड़प : अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के पास दोनों देशों के सैनिक भिड़े।