0 केंद्र ने परिवार को जगह सुझाई
0 जमीन लेने के लिए ट्रस्ट बनेगा, वही आवेदन करेगा
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने के लिए जमीन आवंटन का काम शुरू हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने स्मारक के लिए डॉ. सिंह के परिवार को कुछ जगहें सुझाई हैं।
परिवार की तरफ से जगह का चुनाव हो जाने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक गांधी-नेहरू परिवार की समाधियों के नजदीक ही डॉ. सिंह का स्मारक बनाए जाने की संभावना है। स्मारक के लिए एक-डेढ़ एकड़ जमीन दी जा सकती है। इसके लिए शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने राजघाट और उसके आसपास का दौरा भी किया है।
नई पॉलिसी के मुताबिक जमीन आवंटन किसी ट्रस्ट को ही किया जा सकता है। इस वजह से पहले ट्रस्ट का गठन करना होगा। जमीन के लिए आवेदन ट्रस्ट ही करेगा।
स्मारक को लेकर कांग्रेस ने मोदी-शाह को पत्र लिखा था
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 27 दिसंबर की शाम पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा था कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार जहां हो, वहीं स्मारक बनाया जाए। हालांकि गृह मंत्रालय ने निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करवाया था। कांग्रेस ने इस पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि यह पूर्व पीएम का अपमान है।
बीजेपी बोली- जमीन अलॉट कर दी गई
स्मारक के लिए जमीन न दिए जाने के आरोप पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 28 दिसंबर को कहा था- डॉ. सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित कर दी गई है। इसके बारे में उनके परिवार को भी जानकारी दे दी गई है। हालांकि नड्डा ने यह नहीं बताया था कि जमीन कहां दी गई।
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी बोले- कांग्रेस झूठ फैला रही
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच जमकर राजनीति हुई। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के कद के मुताबिक उनके अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर जैसा सम्मान दिया जाना चाहिए था, वैसा नहीं दिया। मामले में 29 दिसंबर को शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा- डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्मारक को लेकर कांग्रेस सरेआम झूठ फैला रही है। दिल्ली में एकता स्थल है। यहां 9 में से 7 स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति के स्मारक बन चुके हैं। स्मारक के लिए 2 जगह खाली हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार को पत्र लिखकर एक स्पेशल मेमोरियल बनाने की मांग रखी है। सरकार इसे मंजूर कर चुकी है, लेकिन इसकी प्रक्रिया में समय लगेगा। ट्रस्ट बनाना होगा, वही मेमोरियल बनाएगी। वाजपेयी जी के समय भी यही हुआ था।