Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं से प्रेरित विकास के पथ पर अग्रसर है।
श्री मोदी ने मंगलवार को जनता मैदान में उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन करते हुए इस बात पर जोर दिया कि एआई का मतलब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऐस्परेशन ऑफ इंडिया (भारत की आकांक्षा) दोनों है, जो देश की ताकत है। उन्होंने कहा कि जब लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं, तो आकांक्षाएं बढ़ती हैं और पिछले दशक में करोड़ों नागरिकों को सशक्त बनाया गया है, जिससे देश को फायदा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ओडिशा इस आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने राज्य को उत्कृष्ट और नए भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक बताया। श्री मोदी ने कहा कि ओडिशा खाद्य प्रसंस्करण, पेट्रोकेमिकल्स, बंदरगाह आधारित विकास, मत्स्य पालन, आईटी, एडुटेक, कपड़ा, पर्यटन, खनन और हरित ऊर्जा सहित विभिन्न उद्योगों में देश के अग्रणी राज्यों में से एक बन रहा है।
प्रधानमंत्री ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि उनसे ओडिशा की विकास यात्रा में निवेश करने के अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके निवेश से अभूतपूर्व सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा, “यह मोदी की गारंटी है।” यह ओडिशा में अब तक का सबसे बड़ा व्यापार शिखर सम्मेलन था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 ने पिछले संस्करणों की तुलना में पांच से छह गुना अधिक निवेशकों को आकर्षित किया है।
श्री मोदी ने इस तरह के भव्य आयोजन के लिए ओडिशा के लोगों और सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा, “पूर्वी भारत देश की प्रगति में एक विकास इंजन है और ओडिशा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।” उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक डेटा पूर्वी भारत के उल्लेखनीय योगदान को दर्शाता है, जब भारत ने वैश्विक विकास में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री ने क्षेत्र की अतीत की प्रमुखता का उल्लेख किया, जिसमें महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र, बंदरगाह और व्यापार केंद्र शामिल हैं, और इस विकास में ओडिशा की ऐतिहासिक भागीदारी की प्रशंसा की। श्री मोदी ने कहा, “ओडिशा दक्षिण-पूर्व एशियाई व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था, जिसके बंदरगाह भारत के प्रवेश द्वार के रूप में काम करते थे।” इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की हाल की यात्रा को याद करते हुए श्री मोदी ने उल्लेख किया कि राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा उनके डीएनए में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा अब 21वीं सदी में अपनी शानदार विरासत को पुनर्जीवित कर रहा है। उन्होंने राज्य के साथ व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में आसियान देशों की रुचि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वतंत्रता के बाद से इस क्षेत्र में अभूतपूर्व अवसर देखने को मिल रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि सिंगापुर के राष्ट्रपति ने भी हाल ही में ओडिशा का दौरा किया और सहयोग के लिए राज्य की क्षमता को लेकर अपना उत्साह जताया।
प्रधानमंत्री ने गुजरात में अपने कार्यकाल के दौरान ओडिशा के लोगों के कौशल, कड़ी मेहनत और ईमानदारी को देखने के अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यहां उभर रहे नए अवसर राज्य को विकास की अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत तेजी से प्रगति की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि 5,000 अरब डॉलर (पांच ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था का मील का पत्थर भारत की पहुंच के भीतर है।
श्री मोदी ने कहा, पिछले एक दशक में विनिर्माण में भारत की ताकत स्पष्ट दिखाई दे रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश का आर्थिक विस्तार दो स्तंभों अभिनव सेवा क्षेत्र और गुणवत्ता वाले सामान का उत्पादन पर निर्भर करता है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत केवल कच्चे माल के निर्यात पर निर्भर नहीं रह सकता। उन्होंने देश के भीतर संवर्धन को बनाए रखते हुए पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने खनिजों और समुद्री खाद्य पदार्थों को विदेशों में मूल्य संवर्धन के लिए निर्यात करने के बजाय भारत के भीतर ही संसाधित करने जैसे रुझानों में बदलाव पर प्रकाश डाला और आश्वासन दिया कि राज्य के प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित उद्योग उसके भीतर ही विकसित किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने हरित नौकरियों की बढ़ती संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने हरित प्रौद्योगिकी और सौर, पवन, जलविद्युत और हरित हाइड्रोजन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में भारत की पहलों की ओर इशारा किया, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि ओडिशा में इस संबंध में अपार संभावनाएं हैं और इस बदलाव का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हरित हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा मिशन शुरू किए गए हैं।
उन्होंने हाइड्रोजन ऊर्जा उत्पादन की पहल के साथ-साथ ओडिशा में नवीकरणीय ऊर्जा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों का उल्लेख किया। श्री मोदी ने ओडिशा में पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में विकास पर भी प्रकाश डाला, पारादीप और गोपालपुर में औद्योगिक पार्कों और निवेश क्षेत्रों की स्थापना का उल्लेख किया, जो पर्याप्त निवेश के अवसर प्रदान करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी भारत के लिए कनेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी का युग है। उन्होंने कहा है कि विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है, जो भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि देश भर में प्लग-एंड-प्ले सुविधाओं वाले कई औद्योगिक शहर विकसित किए जा रहे हैं। ओडिशा में भी इसी तरह की प्रगति हो रही है, राज्य में रेलवे और राजमार्ग नेटवर्क के लिए हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं।
श्री मोदी ने हितधारकों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों से उत्पन्न चुनौतियों को पहचानने का आग्रह किया। उन्होंने वैश्विक उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करने के लिए देश के भीतर मजबूत, आत्मनिर्भर आपूर्ति और मूल्य श्रृंखलाओं के निर्माण के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस विजन को हासिल करने में सरकार और उद्योग दोनों की जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने उद्योगों से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और स्टार्टअप का समर्थन करने का आह्वान किया, विकास में अनुसंधान और नवाचार की भूमिका पर विशेष जोर दिया है।