
0 एजीआर ड्यूज पर 30,000 करोड़ के पेनल्टी-ब्याज को माफ करने की मांग
नई दिल्ली। टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) ड्यूज से जुड़े 30,000 करोड़ रुपए से अधिक के पेनल्टी और ब्याज को माफ करने की मांग की है। सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने 19 मई को सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल कर इस मामले में तुरंत सुनवाई की गुहार लगाई है।
वोडाफोन ने दावा किया है कि सरकार की कंपनी में 49% हिस्सेदारी है। एजीआर फैसले की बाध्यताओं के चलते सरकार राहत देने में असमर्थ है, लेकिन वह एक पार्टनर की तरह काम करते हुए कंपनी को बचाने में मदद करे। वोडाफोन आइडिया ने अपनी याचिका में कहा कि एजीआर फैसले के बाद सरकार के लिए और राहत देना मुश्किल है।
वोडाफोन ने कहा कंपनी में 59 लाख से अधिक छोटे शेयरधारक हैं। मदद से कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन पर बड़ा असर हो सकता है। खबर के बाद कंपनी का शेयर करीब 4% की तेजी के साथ 7.22 रुपए पर बंद हुआ। सरकार ने हिस्सेदारी 22.6% से बढ़ाकर लगभग 49% की
इससे पहले वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 30 मार्च को घोषणा की थी कि सरकार कंपनी के स्पेक्ट्रम ऑक्शन के 36,950 करोड़ रुपए के बकाया को इक्विटी शेयर्स में बदल देगी। यानी कंपनी पर जितना बकाया है, उतनी वैल्यू की हिस्सेदारी सरकार हासिल कर लेगी। इस कन्वर्जन के बाद टेलीकॉम कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 22.6% से बढ़कर लगभग 49% हो गई थी। हालांकि, प्रमोटर कंपनी का ऑपरेशनल कंट्रोल बरकरार रखेंगे।
वोडाफोन आइडिया ने एक प्रेस स्टेटमेंट में बताया था कि मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन ने 29 मार्च 2025 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें सितंबर 2021 के टेलीकॉम रिफॉर्म पैकेज के चलते कन्वर्जन को मंजूरी दी गई थी। कंपनी को यह आदेश 30 मार्च को मिला है।