Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 भारत एफएटीएफ से पाकिस्तान को पुन: 'ग्रे सूची' रखने की मांग करेगा 
नई दिल्ली। भारत पहलगाम आतंकवादी हमले से उत्पन्न परिस्थितियों के बीच पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण को लेकर बहुपक्षीय संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) को नया डोजियर देने की तैयारी में है।
सूत्रों ने यहां बताया कि भारत एफएटीएफ से मांग करेगा कि पाकिस्तान को पुन: 'ग्रे सूची' (संदिग्ध देशों की सूची) में रख कर उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। पेरिस स्थित यह संस्था धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखती है और इसमें भारत सहित 39 देश शामिल हैं।
उच्चस्तरीय सूत्रों ने शुक्रवार को यहां कहा कि पाकिस्तान को फिर से 'ग्रे सूची' में डालने के लिए भारत एफएटीएफ के समक्ष मजबूत मामला पेश करेगा। पाकिस्तान अपने क्षेत्र में पनपने वाले आतंकवाद पर कार्रवाई करने में विफल रहा है और वह बहुपक्षीय एजेंसियों से मिलने वाले धन का उपयोग हथियार और गोला-बारूद खरीदने और आतंकवादियों को मदद करने के लिए कर रहा है।’
सूत्रों ने कहा कि भारत इस डोजियर में विशेष रूप से उन कानूनी प्रावधानों का संकेत करेगा जिनका अनुपालन करने के पाकिस्तान के वादे पर उसे 2022 में एफएटीएफ की ग्रे सूची से हटाया गया था लेकिन वह उनका पालन नहीं कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार एक डोजियर तैयार कर रही है जिसे एफएटीएफ की अगली पूर्ण बैठक में प्रस्तुत किया जा सकता है। यह बैठक जून में होने की संभावना है। इसके अलावा, भारत जून में पाकिस्तान को विश्व बैंक से कर्ज की समीक्षा के लिए होने वाली बैठक में भी पड़ोसी देश के खिलाफ आपत्ति उठाएगा।
गैरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की नृसंश हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
भारत का कहना है कि पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और बहुपक्षीय एजेंसियों से विकास के लिए मिले धन को हथियार और गोला-बारूद खरीदने और आतंकवादी ढांचे को मदद करने के लिए उपयोग कर रहा है।
एफएटीएफ आतंकवाद के वित्त पोषण और मनी लांडरिंग जैसे वित्तीय अपराधों की रोक के लिए एक बहुपक्षीय तंत्र है।यह संदिग्ध देशों पर निगरानी रखता है और उन्हें बैंकिंग और वित्तीय तंत्र में सुधार करने को कहता है।
पाकिस्तान को जून 2018 में 'ग्रे सूची' में डाल दिया गया था और अक्टूबर 2022 में इसे हटाए जाने तक एफएटीएफ की ‘बढ़ी हुई निगरानी’ का सामना करना पड़ा था। एफएटीएफ की सूची में शामिल देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और पूंजी प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ।

tranding