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0 कहा-नुकसान के डर से सीजफायर के लिए कॉल किया
0 सीडीएस मेजर जनरल अनिल चौहान ने पुणे विवि में  'भविष्य के युद्ध और युद्ध' विषय पर व्याख्यान दिया

पुणे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) मेजर जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर बात की। वे मंगलवार को पुणे यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। उन्होंने यहां 'भविष्य के युद्ध और युद्ध' विषय पर व्याख्यान दिया।

उन्होंने कहा कि 10 मई रात 1 बजे पाकिस्तान ने भारत को 48 घंटे में घुटने पर लाने की प्लानिंग की थी, उसने कई जगह पर एक साथ हमले किए और संघर्ष को बढ़ाया, लेकिन उसकी योजना 8 घंटे में ही फेल हो गई थी। इसके बाद बड़े नुकसान के डर से सीजफायर के लिए कॉल किया। हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। उन्होंने कहा कि भारत आतंक और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग की छाया में रहने वाला नहीं है। प्रोफेशनल मिलिट्री फोर्स पर असफलताओं और नुकसान का असर नहीं पड़ता। आपको अपना मनोबल बनाए रखने की जरूरत है। नुकसान महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि परिणाम महत्वपूर्ण हैं।उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो कुछ हुआ उससे कुछ हफ्ते पहले ही पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था। पहलगाम में जो हुआ वह पीड़ितों के लिए घोर क्रूरता थी। ऑपरेशन सिंदूर के पीछे सोच यह थी कि पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकना है।

पाकिस्तान ने सीजफायर की पहल की
सीडीएस मेजर जनरल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान की प्लानिंग फेल होने के बाद उसने भारत से फोन (हॉलाइन) पर संपर्क किया था। उसे लगा था कि अगर यह जारी रहा तो उसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। जनरल चौहान ने कहा कि जब पाकिस्तान की ओर से बातचीत और तनाव कम करने का अनुरोध आया, तो हमने भी इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भी युद्ध और राजनीति बराबरी से हो रही थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी ठिकानों पर बहुत सोच-समझकर सटीक हमले किए और उनमें से कुछ दो मीटर जितने करीब थे। सीडीएस जनरल अनिल चौहान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत को आतंकी गतिविधियों का बंधक नहीं बनाना चाहिए।

नुकसान और संख्या पर बात करना सही नहीं
सीडीएस मेजर जनरल चौहान ने भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान फाइटर जेट खोने के सवाल पर कहा- जब मुझसे हमारे नुकसान के बारे में पूछा गया, तो मैंने कहा कि ये महत्वपूर्ण नहीं हैं, क्योंकि परिणाम और आप कैसे कार्य करते हैं। यह महत्वपूर्ण है। नुकसान और संख्या के बारे में बात करना बहुत सही नहीं होगा। उन्होंने किक्रेट का उदाहरण देते हुए कहा- मान लीजिए कि आप क्रिकेट टेस्ट मैच खेलने जाते हैं और आप एक पारी से हार जाते हैं। तो कितने विकेट, कितनी गेंदें और कितने खिलाड़ी हैं। इसका कोई सवाल ही नहीं है।