
0 इसका डेटा बताएगा क्यों हुआ प्लेन क्रैश
0 डीएनए सैंपल से 7 बॉडी की पहचान हुई, जिसे परिजनों को सौंप दी गई है
0 पूर्व सीएम रूपाणी के शव की पहचान अब तक नहीं हो पाई है
अहमदाबाद। अहमदाबाद में एअर इंडिया फ्लाइट एआई-171 हादसे के एक दिन बाद शुक्रवार को एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने ब्लैक बॉक्स को खोज लिया है। यह हॉस्टल की छत पर मिला। इसके जरिए अब पता चल सकेगा कि क्रैश होने के पहले आखिरी पलों में क्या हुआ था।
जानकारी के मुताबिक रेक्स्यू टीम ने 270 लोगों के शव बरामद कर लिए हैं। इनमें से 7 की बॉडी को डीएनए टेस्ट के बाद परिजन को सौंप दी गई है। सिविल अस्पताल में अब तक 270 शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। इसके अलावा 220 लोगों की डीएनए सैंपलिंग की जा चुकी है। 7 शवों की शिनाख्त हो गई है। उधर, पूर्व सीएम रूपाणी के शव की पहचान भी अब तक नहीं हो पाई है। मृतकों की पहचान के लिए उनके परिजन के डीएनए टेस्ट लिए जा रहे हैं।
241 मृतक विमान में सवार पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स थे। 5 मृतक उस बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के हैं, जहां प्लेन क्रैश हुआ था। हादसे के वक्त हॉस्टल में 50 से ज्यादा लोग मौजूद थे। एअर इंडिया की फ्लाइट में 12 क्रू मेंबर समेत 242 लोग मौजूद थे। इसमें से एक यात्री की जान बच गई। मरने वालों में राजस्थान से 13, एमपी, हरियाणा और बिहार के एक-एक लोग शामिल हैं।
पूर्व सीएम रूपाणी को श्रद्धांजलि, राजकोट के 650 स्कूल कल बंद रहेंगे
राजकोट शहर के प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट बोर्ड ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार को 650 स्कूल बंद रखने का फैसला किया है। इनके अलावा राजकोट नगर निगम के 90 स्कूल भी बंद रहेंगे। रुपाणी का पैतृक गांव राजकोट है। उनके पिता कारोबार के सिलसिले में रंगून चले गए थे। रूपाणी का जन्म म्यांमार (तत्कालीन बर्मा) की राजधानी रंगून में 2 अगस्त 1956 को हुआ था। साल 1960 में पिता राजकोट वापस लौट आए थे। गुजरात आने के बाद रूपाणी की पढ़ाई लिखाई राजकोट से ही हुई।
हादसे ने जोशी परिवार का सब छीन लिया
लंदन में काम करने वाले रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी डॉ. कोमल जोशी और तीन बच्चों की मौत हो गई। जोशी परिवार लंदन बसने जा रहा था। पिता डॉ. जे.पी. जोशी ने बताया कि बेटे ने पहली बार डायरेक्ट फ्लाइट ली थी, ताकि बच्चों को परेशानी न हो। पत्नी ने नौकरी छोड़ी, बच्चों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट लिए और सामान पैक किया। जुड़वां बेटे 15 अगस्त को पांच साल के होने वाले थे। डॉ. जोशी ने पिता से कहा था कि लंदन में बसने के बाद उन्हें भी बुलाएंगे। लेकिन हादसे ने सब छीन लिया।
प्लेन हादसे की जांच देश-विदेश की 8 एजेंसियां कर रहीं
प्लेन हादसे की जांच देश-विदेश की 8 एजेंसियां कर रही हैं। जांच में 8 एजेंसियां नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी, गुजरात पुलिस, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआईबी) डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए), यूनाइटेड किंगडम की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टीगेशन ब्रांच (यूके-एएआईबी), यूनाइटेड स्टेट्स की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) व फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) शामिल हैं।
एअर इंडिया बोली- 140 लोगों की टीम अहमदाबाद पहुंची
एअर इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर कैंपबेल विल्सन ने अहमदाबाद से बयान जारी करते हुए कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। हम सभी एयर इंडिया परिवार के लोग इस नुकसान से बेहद आहत हैं। उन्होंने बताया कि एयर इंडिया की एक टीम जिसमें लगभग 100 केयरगिवर और 40 इंजीनियर शामिल हैं, अहमदाबाद पहुंच चुकी है। तकनीकी टीम हादसे की जांच में मदद कर रही है और मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता दे रहे हैं। इसके अलावा और भी टीमें अहमदाबाद रवाना हो रही हैं।
पुलिस ने दर्ज किया एक्सीडेंटल डेथ का केस
अहमदाबाद के मेघानीनगर इलाके में गुरुवार को हुए एयर इंडिया विमान हादसे में 265 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ का केस दर्ज किया है। वहीं, एनआईए समेत 8 एजेंसियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
ब्लैक बॉक्स क्या है, क्रैश की जांच में कितना अहम?
किसी भी विमान हादसे की जांच में सबसे अहम भूमिका ब्लैक बॉक्स की होती है। इसे ऐसे डिजाइन किया जाता है कि खतरनाक क्रैश होने के बावजूद भी कोई नुकसान न हो और ये सुरक्षित रहे। ब्लैक बॉक्स के बिना जांचकर्ताओं को यह समझना मुश्किल होता कि हादसा क्यों हुआ। यह पायलट की गलती, तकनीकी खराबी, मौसम या बाहरी हमलों को पहचानने में मदद करता है। यह ऑरेंज रंग का होता है। यह स्टील या टाइटेनियम से बनी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉडिंग डिवाइस है, जिसे फ्लाइट रिकॉर्डर भी कहते हैं। यह दो तरह के होते हैं- फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (सीवीआर)। दोनों मिलकर जूते के डिब्बे के आकार की यूनिट बन जाते हैं। ब्लैक बॉक्स हवा की स्पीड, ऊंचाई, हेलिकॉप्टर की स्पीड और फ्यूल फ्लो जैसी करीब 80 टेक्निकल डिटेल को हर सेकेंड रिकॉर्ड करता है। ये एक दिन तक की डिटेल को स्टोर कर सकता है। ये अल्ट्रासोनिक पल्स भी भेजता है, ताकि इसे आसानी से डिटेक्ट किया जा सके। गहरे पानी के भीतर से भी ये लगातार 30 दिन तक हर सेकेंड पल्स भेज सकता है।
ब्लैक बॉक्स की मजबूती चेक करने के लिए इसे 750 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कॉन्क्रीट की दीवार पर मारा जाता है, ताकि कैश में टूटे नहीं। 1 घंटे तक 1,100 डिग्री तापमान में रखते हैं, ताकि आग लगने पर भी जले नहीं। इस पर 5 मिनट तक 2.25 टन का वजन रखा जाता है, ताकि दबने पर भी न टूटे। 6 हजार मीटर की गहराई में रखते हैं, ताकि पानी में प्लेन क्रैश होने पर भी यह सुरक्षित रहे।


