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0 ग्लोबल टेरर वॉच डॉग ने कहा- ऐसे हमले सिर्फ बंदूक-बारूद से नहीं होते, इनके पीछे फाइनेंशियल नेटवर्क

पेरिस (ए)। आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने सोमवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमला आतंक फैलाने वालों के समर्थन के बिना नहीं किया जा सकता। इसके लिए फंडिंग भी की गई।

एफएटीएफ का यह बयान पहलगाम हमले के 55 दिन बाद आया है। ग्लोबल टेरर वॉच डॉग ने कहा कि आतंकी हमले लोगों को मारते हैं, घायल करते हैं और दुनियाभर में डर फैलाते हैं। एफएटीएफ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के लगातार आतंकवाद को समर्थन देने और मल्टीपल फंड्स को हथियारों की खरीद में इस्तेमाल करने की बात को उजागर किया है।
सूत्रों के अनुसार, ऐसी गतिविधियों की वजह से पाकिस्तान को एफएटीएफ की 'ग्रे लिस्ट' में डाला जा सकता है। पहलगाम में आतंकी हमला 22 अप्रैल को किया गया था। इसमें एक नेपाली समेत 26 टूरिस्ट की मौत हुई थी।

एफएटीएफ की एशिया-पैसिफिक ग्रुप की बैठक 25 अगस्त को
एफएटीएफ की एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) की बैठक 25 अगस्त को होनी है। इसके बाद एफएटीएफ के वर्किंग ग्रुप की बैठक 20 अक्टूबर को होगी। इन बैठकों से पहले भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक डोजियर तैयार कर रहा है। इसमें बताएगा कि पाकिस्तान कैसे फंडिंग का आतंकी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल कर एफएटीएफ के नियमों का उल्लंघन कर रहा है।

एफएटीएफ ने 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया था
2018 में पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रखा गया था। तब उसने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए एक एक्शन प्लान दिया था। इसके बाद 2022 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को इस ग्रे लिस्ट से हटा दिया था। सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग नियमों का पालन करने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को फिर से 'ग्रे लिस्ट में डालने के लिए एफएटीएफ के सामने मजबूत केस रखेगा। एफएटीएफ की साल में तीन बार (फरवरी, जून और अक्तूबर ) मीटिंग होती है।

भारत ने पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज का भी विरोध किया था
भारत सरकार ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) के 9 मई को पाकिस्तान को दिए गए 2.4 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का भी विरोध किया था। इसके बाद आईएमएफ ने बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने को लेकर पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं। नई शर्तों में फेडरल बजट के लिए पार्लियामेंट्री अप्रूवल, बिजली बिलों पर हायर डेट सर्विसिंग सरचार्ज और पुरानी यूज कारों पर प्रतिबंध हटाना शामिल है।