
0 राष्ट्रपति महामा ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया
0 नेहरू-अटल के बाद घाना जाने वाले तीसरे भारतीय पीएम
एक्रॉ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अफ्रीकी देश घाना पहुंच गए हैं। घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने राजधानी एक्रॉ में एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी को 21 तोपों की सलामी के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए एक्रॉ में एक होटल के बाहर बच्चे भारतीय वेशभूषा में पहुंचे हैं। उन्होंने पीएम मोदी के लिए संस्कृत में श्लोक याद किया है। बच्चे प्रधानमंत्री के पहुंचने पर उनके सामने श्लोक का पाठ करेंगे।
मोदी 2 जुलाई से 8 दिनों के लिए 5 देशों की यात्रा पर हैं। वे सबसे पहले घाना गए हैं। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की 30 सालों में पहली घाना यात्रा है। इससे पहले 1957 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और 1995 में नरसिम्हा राव बतौर पीएम घाना के दौरे पर पहुंचे थे। घाना के बाद पीएम मोदी त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया जाएंगे। 2014 से अब तक के तीन कार्यकाल में, पीएम की त्रिनिदाद एंड टोबैगो और नामीबिया में भी पहली यात्रा होगी। मोदी ब्राजील में ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेंगे।
घाना में भारत का यूपीआई सिस्टम लाने पर राष्ट्रपति से मोदी की बातचीत
घाना में पीएम मोदी राष्ट्रपति जॉन महामा से मिलेंगे। दोनों नेता द्विपक्षीय व्यापार और रिश्तों पर चर्चा करेंगे। इस दौरान एनर्जी, खेती और डिजिटल तकनीक और वैक्सीन हब डेवलप करने के क्षेत्र में कई समझौते (एमओयू) साइन होंगे। भारत का यूपीआई और डिजिटल पेमेंट सिस्टम घाना में लाने के बारे में भी बातचीत होगी, ताकि दोनों देशों में डिजिटल लेन-देन आसान हो सके। मोदी और महामा एक साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। पीएम मोदी घाना की संसद और वहां रहने वाले भारतीय समुदाय के 15000 लोगों को संबोधित करेंगे। घाना के राष्ट्रपति महामा पीएम मोदी के सम्मान में स्टेट डिनर भी आयोजित करेंगे।
कोविड काल में भारत ने घाना को 6 लाख वैक्सीन दी
भारत और घाना अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे के मजबूत समर्थक रहे हैं। दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) के सदस्य हैं और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों में मिलकर काम करते हैं। घाना ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन किया है। जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और अन्य वैश्विक मुद्दों पर दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने घाना को वैक्सीन और चिकित्सा मदद दी थी। भारत ने घाना को 6 लाख कोविड वैक्सीन दी थी।
गांधी के आदर्शों पर चलकर मिली घाना को आजादी
क्वामे एन्क्रूमा घाना के सबसे बड़े नेता थे, जिन्हें ‘अफ्रीका का महात्मा गांधी‘ भी कहा जाता है। उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई के दौरान गांधीजी के विचार पढ़े और उनसे बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद घाना आकर उन्होंने कन्वेंशन पीपुल्स पार्टी (CPP) बनाई और देश में आजादी की लड़ाई शुरू की। एन्क्रूमा ने इसके लिए अहिंसा, एकता और नागरिक अवज्ञा जैसे गांधीवादी तरीकों का इस्तेमाल किया। एन्क्रूमा का मानना था कि बिना हिंसा के ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चलाकर ही घाना आजाद हो सकता है, जैसा गांधी ने भारत में किया था। एन्क्रूमा ने 1950 में ‘पॉजिटिव एक्शन’ नाम से देशभर में हड़ताल की अपील की। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा, लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई। 6 मार्च 1957 को एन्क्रूमा की अगुआई में घाना अफ्रीका का पहला देश बना जिसने ब्रिटेन से आजादी हासिल की।
घाना की आजादी का असर पूरे अफ्रीका पर पड़ा। लिहाजा बाकी देशों में भी आजादी की मांग तेज हो गई। कुछ ही साल बाद नाइजीरिया, केन्या, तंजानिया जैसे कई देशों ने ब्रिटिश, फ्रेंच या बेल्जियन उपनिवेशवाद से स्वतंत्रता हासिल की।