Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर सभी आरोपी
0 एनएमसी टीम के 3 डॉक्टर्स ने हवाला से लिए 55 लाख, 7 जुलाई तक होगी पूछताछ

रायपुर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज (एसआरआईएमएसआर) के पक्ष में रिपोर्ट बनाने के बदले में रिश्वत लेने के मामले में 3 डॉक्टरों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक रावतपुरा संस्थान के डायरेक्टर हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की टीम पर मेडिकल कालेज के पक्ष में रिपोर्ट के बदले हवाला के जरिए 55 लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। 

गिरफ्तार आरोपियों में डॉ. मंजप्पा सीएन, डॉ. चैत्रा एमएस, डॉ. अशोक शेलके, अतुल कुमार तिवारी, सथीशा ए और रविचंद्र के. शामिल हैं। सीबीआई की टीम ने सभी आरोपियों को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने सभी आरोपी को 5 दिन के  सीबीआई रिमांड पर भेज दी है। सीबीआई की टीम एनएमसी दल के 3 डॉक्टर समेत सभी आरोपियों से 7 जुलाई तक पूछताछ करेगी। सभी आरोपियों से वीआईपी रोड स्थित सीबीआई दफ्तर में पूछताछ होगी। रिमांड के दौरान परिवार के सदस्य और वकील रोजाना आधे घंटे के लिए उनसे मिल सकेंगे। 
यह मामला श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, नवा रायपुर के पदाधिकारियों, निरीक्षण कर रहे डॉक्टरों और अन्य बिचौलियों के खिलाफ दर्ज किया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने मेडिकल कालेज की मान्यता के लिए की जाने वाली वैधानिक निरीक्षण प्रक्रिया में रिश्वत लेकर अनियमितताएं की। 
सीबीआई की सूचना मिली थी कि संस्थान के अधिकारी निरीक्षण के लिए नियुक्त आकलनकर्ताओं को प्रभावित कर रहे हैं ताकि वे पक्ष में रिपोर्ट प्रस्तुत कर करें। इस सूचना पर सीबीआई ने पुख्ता प्लानिंग के तहत जाल बिछाया। मंगलवार को कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। लेन-देन के दौरान सभी 6 आरोपियों को रंगेहाथों पकड़ा है।

55 लाख लेने का गलत आरोप लगायाः वकील
बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि सीबीआई ने डॉक्टर्स पर प्राइवेट मेडिकल की जांच रिपोर्ट सही बताने के लिए 55 लाख लेने का आरोप है, जो गलत है। डॉक्टर्स अपनी ईमानदारी से काम करने आए थे, लेकिन सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई का आरोप है कि डॉक्टर्स को हवाला के माध्यम से पैसे मिले हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।

डॉ. मंजप्पा सीएन ने कहा- हवाला ऑपरेटर से कॉल आएगा
उन्होंने सथीश ए. को यह भी बताया कि उन्हें हवाला ऑपरेटर से एक कॉल आएगा कि राशि कैसे एकत्र की जानी है। डॉ. मंजप्पा ने निरीक्षण दल की एक अन्य सदस्य डॉ. चैत्रा से भी बात की। उन्हें बताया कि उनका हिस्सा सथीश ए. उनके निवास पर पहुंचवाएंगे।सीबीआई ने केस फाइल करने के बाद सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए बेंगलुरु में जाल बिछाया। यहां से 55 लाख रुपए की रिश्वत की रकम बरामद की। रिश्वत की कुल रकम में से 16.62 लाख रुपए डॉ. चैत्रा के पति रविन्द्रन से और 38.38 लाख रुपए डॉ. मंजप्पा के सहयोगी सतीश ए से बरामद किए गए हैं।

सीबीआई ने जब्त किए दस्तावेज और डिजिटल सबूत
सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी निरीक्षण प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहे थे। आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 30 जून 2025 को एसआरआईएमएसआर रायपुर में एनएमसी की 4 सदस्यीय टीम निरीक्षण के लिए आई थी। इसमें डॉ. मंजप्पा सीएन, प्रोफेसर और एचओडी (ऑर्थोपेडिक्स), मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज कर्नाटक, डॉ. चैत्रा एमएस और डॉ. अशोक शेलके शामिल हैं। हालांकि चौथे नाम का खुलासा नहीं हुआ है। सीबीआई के मुताबिक निरीक्षण दल के सभी सदस्यों ने एसआरआईएमएसआर के निदेशक अतुल कुमार तिवारी के साथ षड्यंत्र रचा। निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने के लिए रिश्वत लेने पर सहमत हुए। निरीक्षण दल के सदस्यों में से डॉ. मंजप्पा सीएन ने सथीश ए. को हवाला ऑपरेटर से 55 लाख रुपए इकट्ठा करने के निर्देश दिए।

 

tranding
tranding