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0 300 इंजीनियर्स को वापस बुलाया, इससे आईफोन फैक्ट्रियों में काम धीमा हो सकता है

बीजिंग/नई दिल्ली। चीन ने भारत को जरूरी मशीनों और पार्ट्स की डिलीवरी रोक दी है। ये मशीनें और पार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स के लिए बेहद जरूरी हैं। इसके अलावा, भारत में आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने अपने 300 से ज्यादा चीनी इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स को भारत से वापस बुलाने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने ऐसा भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रभावित करने के लिए किया है।

चीनी वर्कर्स के जाने से फैक्ट्रियों में काम धीमा हो सकता है
सूत्रों ने कहा कि चाइनीज कर्मचारियों की संख्या 1% से भी कम है, लेकिन ये प्रोडक्शन और क्वालिटी मैनेजमेंट जैसे अहम ऑपरेशंस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चीनी सरकार द्वारा अपने नागरिकों को वापस बुलाने के निर्देश से फैक्ट्रियों में काम धीमा हो सकता है। बीती दिनों चीन ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) और इलेक्ट्रॉनिक्स में इस्तेमाल होने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई भी रोक दी थी। ऐसे में चीन के इन दोनों कदमों को भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ को कमजोर करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। चीन शायद भारत के साथ टिट-फॉर-टैट की रणनीति अपना रहा है, क्योंकि उनके कॉर्पोरेट कर्मचारियों को बिजनेस वीजा हासिल करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। एक उद्योग सूत्र ने कहा, हम इस मामले पर सरकार को एक रिपोर्ट भेजने का प्लान बना रहे हैं।

आईफोन मैन्यूफैक्चरिंग पर अभी चीन का दबदबा
आईफोन मैन्यूफैक्चरिंग पर अभी चीन का दबदबा है। 2024 में कंपनी के ग्लोबल आईफोन शिपमेंट में इसका हिस्सा लगभग 28% था।

चार साल पहले भारत ने आईफोन असेंबलिंग शुरू की थी
भारत ने 4 साल पहले बड़े पैमाने पर आईफोन असेंबल करना शुरू किया था, और अब ये ग्लोबल प्रोडक्शन का पांचवां हिस्सा बनाता है। एपल की योजना 2026 के अंत तक अमेरिका के लिए ज्यादातर आईफोन्स भारत में बनाने की है, जिसकी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने आलोचना की है।