
0 भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने उठाया मुद्दा
0 राजस्व मंत्री ने कहा-ईओडब्ल्यू जांच करने में सक्षम, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
रायपुर। विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सदन में भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी का मामला उठा। भाजपा विधायक धरम लाल कौशिक ने इस मामले को उठाते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। बिलासपुर संभाग में भी बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। मामले में अभी छोटे लोगों की गिरफ्तारी हुई है। जिनके इशारे पर ये घटाला हुआ है, ऐसे बड़े लोग अभी भी कार्रवाई से बचे हुए हैं। इसके जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि प्रदेश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू जांच कर रही है और वह इसकी जांच करने में सक्षम है।
ध्यानाकर्षण की सूचना में भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि निजी भूमि अधिग्रहण के तहत गांवों में 500 वर्गमीटर से कम भूमि का मुआवजा ज्यादा तो 500 वर्गमीटर से अधिक की भूमि पर कम मुआवजा मिलता है। आमतौर पर यह देखने पर पाया गया है कि एक एकड़ भूमि का मुआवजा 20 लाख होगा तो इसे टुकड़ों में बांटकर 500 वर्गमीटर से कम कर दिया जाए तो कुल मुआवजा लगभग 1 करोड़ हो जाता है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए भारतमाला प्रोजेक्ट में कई जिलों में भूमि घोटाला गड़बड़ी सामने आई है। जिसके तहत बिलासपुर-उरगा राष्ट्रीय राजमार्ग, रायपुर-विशाखापट्नम इकोनॉमिक कॉरिडोर, दुर्ग-रायपुर बायपास निर्माण के तहत (राजनांदगांव, दुर्ग, पाटन, अभनपुर एवं आरंग तहसील के गांवों में भू-अर्जन में अनियमितता) तथा भारतमाला प्रोजेक्ट में प्रस्तावित सड़क रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव जिले के अंतर्गत भू-अर्जन में व्यापक रूप से अनियमितता की गई है।
भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने प्रॉपर्टी डिलिंग का कार्य करने वाले एवं अन्य लोगों के साथ मिलकर 1 जमीन को राजस्व अभिलेखों में कूटरचना, अविधिक रूप से दर्ज नामातांरण, बटवारा कर फर्जी तरीके से 6-10 लोगों के नाम दर्ज कर शासन को करोड़ो रुपए का नुकसान पहुंचाया है। जिन लोगों की जमीनें नहीं थी, उन्हें भी कागजों में भूस्वामी बताकर करोड़ों रुपए का बंदरबाट किया गया है।
धरमलाल कौशिक ने कहा कि इन घोटालों में उच्च पदस्थ अधिकारियों के द्वारा भी अपने मातहत अधिकारी- कर्मचारियों से नियम विरूद्ध दबाव बनाकर कर भी इन अनियमितता को कराया गया है। बिलासपुर-उरगा मार्ग के निर्माण के लिए ग्राम ढेंका में भू-अर्जन की प्रक्रिया में हुई अनियमितता की शिकायत की जांच में भी अनियमितता की गई है। प्रदेश में लगभग सभी निजी भूमि के भू-अर्जन प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच न होने के कारण प्रदेश के आम लोगों में काफी आक्रोश व रोष हैं।
इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब में कहा कि भारतमाला परियोजना अंतर्गत किए गए भूमि अर्जन के मुआवजा निर्धारण एवं वितरण में अनियमितता किए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन पर कार्यवाही करते हुए संभागायुक्तों के माध्यम से दल गठित करके संपूर्ण भूमि अर्जन की जांच कराई जा रही है, जो कि प्रक्रियाधीन है। इसके साथ ही अनियमितता में शासकीय कर्मचारियों के साथ निजी व्यक्तियों की भी संलिप्तता पाए जाने पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण व एन्टी करप्शन ब्यूरो से जांच कराई जा रही है। अब तक की जांच में प्रकरण में संलिप्तता व साक्ष्य के आधार पर 8 गैर लोक सेवक तथा 10 लोक सेवकों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें से 8 गैर लोक सेवकों तथा एक लोक सेवक और एक सेवानिवृत्त लोक सेवक आरोपियों को गिरफ्तार कर कुल 10 आरोपियों को जेल निरूद्ध की कार्यवाही की गई है।
मंत्री श्री वर्मा ने बताया कि 8 आरोपियों के विरूद्ध विशेष न्यायालय रायपुर से स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी कराया गया है, जिसमें में 6 आरोपियों का न्यायालय द्वारा उद्घोषणा जारी किया गया है। एक आरोपी को उच्चतम द्वारा अंतरिम राहत प्रदान की गई है, वहीं एक आरोपी के विरूद्ध साक्ष्य संकलन जारी है। इस प्रकार उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही कर अन्य आरोपियों के विरूद्ध विवेचना जारी है।
इस पर धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस मामले में सिर्फ छोटे लोगों को ही गिरफ्तार किया गया है। अभी मगरमच्छ बाकी है। इसमें प्रभावशील लोग, जिनके इशारे पर यह सब गड़बड़ियां हुई हैं। ऐसे लोग आपके पहुंच के बाहर है। ऐसे में क्या इसकी जांच सीबीआई को सौंपेंगे।
इस पर मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि प्रदेश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू इसकी मामले की जांच कर रही है। मुझे नहीं लगता कि इसमें सीबीआई जांच की जरूरत है। ईओडब्ल्यू इस मामले की तेजी से जांच कर रही है।
इस पर श्री कौशिक ने कहा कि बिलासपुर में ऐसे ही एक मामले में एक ही दिन में 150 बंटाकन हो गए, जबकि एक बंटाकन में लोगों के चप्पल घिस जाते हैं। आने वाले समय में प्रदेश में ऐसी कोई गड़बड़ियां न हों, इसलिए इस पूरे मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए। इस मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि इस मामले की ईओडब्ल्यू तेजी से स्वतंत्र रूप से जांच कर रही है।
इस बीच भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि ईओडब्ल्यू और एसीबी अलग-अलग जांच एजेंसी है। दोनों के काम भी अलग-अलग है। इस पर मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि जब भी कोई पत्र में दिशा-निर्देश या आदेश होता है तो ईओडब्ल्यू/एसीबी का ही उल्लेख होता है। दोनों जांच एजेंसी एक ही विभाग का हिस्सा है।
इस पर भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि इस मामले की पांच कमिश्नर अलग-अलग जांच कर रहे हैं। ऐसे में जांच सही तरीके से नहीं हो पाएगी। क्या इसकी जांच शासन स्तर पर पांचों को इंटीग्रेटेड कर सचिव लेवल के किसी अधिकारी से इसकी जांच कराएंगे। किसी एक व्यक्ति के अंडर में जांच होगी तो बेहतर तालमेल हो पाएगा। इस पर राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि शासन स्तर पर मुख्यमंत्री से चर्चा कर इस पर विचार किया जाएगा।
इस बीच भाजपा सदस्य सुनील सोनी ने पूछा कि बंटाकन में जिन लोगों की जमीन बंटी है, ऐसे लोग जो इसमें आरोपी है, उसकी शेष बची जमीन की खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध लगाएंगे क्या, ताकि उससे वसूली या भरपाई किया जा सके। इस पर मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि अभी जांच चल रही है। जांच के बाद ही उसकी जमीन की बिक्री को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई करने का निर्णय लिया जाएगा।
इस बीच भाजपा सदस्य राजेश मूणत व सुशांत शुक्ला ने भी मंत्री को इस मामले में घेरने की कोशिश की। इस पर भाजपा सदस्य धर्मजीत सिंह ने कहा कि यह बहुत ही चिंतनीय है। हमको राज्य में कई सड़कें, बायपास बनाना है। 4 साल से तखतपुर में बायपास के लिए अभी तक जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है। इस मामले में ऐसी सख्त बड़ी कार्रवाई करें कि लोग इसमें गड़बड़ी न कर सकें। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मंत्री से कहा कि आप इस मामले में बड़ी कार्रवाई कीजिए, ताकि दिल्ली से और अधिक प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ को मिल सके।