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0 वीडियोकॉन ग्रुप को 300 करोड़ लोन अप्रूव करने के लिए 64 करोड़ रिश्वत ली थी

मुंबई/नई दिल्ली। आईसीआईसीआई  बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को 64 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के मामले में दिल्ली की एक ट्रिब्यूनल ने दोषी करार दिया है। चंदा पर वीडियोकॉन ग्रुप को 300 करोड़ रुपए का लोन अप्रूव करने के एवज में यह रिश्वत लेने का आरोप था।

ट्रिब्यूनल ने कहा कि कोचर ने बैंक में अपने पद का दुरुपयोग किया और डिसक्लोजर नॉर्म्स का उल्लंघन किया। मामले की जांच करते हुए ईडी ने उनपर यह आरोप लगाया था। मामले की शुरुआत 2016 में हुई थी।

चंदा कोचर के पति को मिली थी रिश्वत की रकम
ट्रिब्यूनल ने पाया कि वीडियोकॉन को लोन मिल जाने के एक दिन बाद रिश्वत का पैसा वीडियोकॉन की एक यूनिट एसईपीएल के खाते से कोचर के पति दीपक कोचर की एक कंपनी नूपावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को दिया गया था।
ट्रब्यूनल ने कहा कि कागजों पर नूपावर ​​​​​​रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) का स्वामित्व वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के पास दिखाया गया था, लेकिन इसका असल कंट्रोल दीपक कोचर के पास ही था। दीपक (एनआरपीएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर भी थे। इसलिए अपीलकर्ताओं के आरोप सही हैं।