
0 ट्रम्प से डिफेंस डील नहीं चाहती मोदी सरकार
0 अमेरिका ने 25% टैरिफ लगाया था
नई दिल्ली/वाशिंगटन। भारत ने अमेरिकी अधिकारियों को बता दिया है कि उसकी एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने में दिलचस्पी नहीं है। ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। एफ-35 अमेरिका का 5वीं जेनरेशन का लड़ाकू विमान है। इसे लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने डेवलप किया है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मोदी सरकार निकट भविष्य में अमेरिका के साथ कोई बड़ा रक्षा सौदा नहीं चाहती। सरकार रक्षा उपकरण बनाने वाली साझेदारी में ज्यादा दिलचस्पी रखती है। यानी, भारत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और देश में उत्पादन की शर्त पर डिफेंस डील चाहता है।
इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्हाइट हाउस दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को फाइटर जेट बेचने की पेशकश की थी। इसके बाद अप्रैल में भारत दौरे पर आए अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी भारत को एफ-35 खरीदने का ऑफर दिया था।
एफ-35 फाइटर प्लेन की खासियत
एफ-35 अमेरिका का 5वीं जेनरेशन का लड़ाकू विमान है। इसे लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने डेवलप किया है। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना में शामिल है। ये पेंटागन के इतिहास का सबसे महंगा विमान है। अमेरिका एक एफ-35 फाइटर प्लेन पर औसतन 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है। यह तीन वेरियंट में आता है। अमेरिका इसका उपयोग एयरफोर्स, नेवी व मरीन कॉर्प्स में करता है।
भारत की रुचि रूस के पांचवीं जेनरेशन का एसयू-57 लड़ाकू विमान खरीदने में
रूस ने भारत को अपना पांचवीं जेनरेशन का विमान एसयू-57 देने की पेशकश की है। एफ-35 के मुकाबले इसकी कीमत आधी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक एसयू-57 की कीमत करीब 325 करोड़ रुपए है। इसका रखरखाव भी एफ-35 के मुकाबले सस्ता होगा।
भारत अमेरिका से एफ-35 खरीदता है, तो उसे सर्विस से लेकर स्पेयर पार्ट्स तक के लिए अमेरिकी कंपनी पर निर्भर रहना होगा। जबकि एसयू-57 के साथ ऐसी दिक्कत नहीं है। रूस ने इसे भारत में ही बनाने का प्रस्ताव रखा है। इससे जुड़ी सभी सर्विस भी भारत में होगी।
रूस भारत का भरोसेमंद डिफेंस सप्लायर
कई दशक से रूस भारत का प्रमुख मिलिट्री सप्लायर रहा है। फाइटर जेट्स और सबमरीन से लेकर मिसाइल सिस्टम और हेलिकॉप्टर्स तक रूस भारत को मुहैया कराता रहा है।
भारत खुद पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट बना रहा
भारत खुद के 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान पर काम कर रहा है, जो 2-3 साल में पूरा हो जाएगा। अप्रैल 2024 में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी फाइटर जेट के डिजाइन और डेवलपमेंट के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। कैबिनेट समिति के मुताबिक, एम्का विमान भारतीय वायु सेना के अन्य लड़ाकू विमानों से बड़ा होगा। इसमें दुश्मन के रडार से बचने के लिए एडवांस्ड स्टेल्थ टेक्नोलॉजी होगी। यह दुनिया में मौजूद पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमानों के जैसा या उससे भी बेहतर होगा।