
नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण मुद्दे पर लोकसभा में विपक्षी दलों का हंगामा बुधवार को भी जारी रहा जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद तीसरी बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा में दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे पीठासीन अधिकारी संध्या राय ने जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु की तो विपक्षी दलों के सदस्य हाथों पर तख्तियां लेकर नारे लगाते हुए सदन के बीचो-बीच आकर हंगामा करने लगे। पीठासीन अधिकारी ने उन्हें हंगामा नहीं करने तथा अपनी सीट पर जाकर सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया लेकिन वे नहीं माने और हंगामा चलता रहा।
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि सरकार विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए किसी भी मुद्दे पर सदन में चर्चा करने के लिए तैयार है लेकिन सदन में जो भी काम होंगे वह संवैधानिक प्रावधान के तहत और लोकसभा की आचार संहिता के अनुसार ही किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल चुनाव आयोग को लेकर चर्चा करना चाहते हैं लेकिन यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है दूसरी ओर आयोग स्वायत्त संस्था है और उसे मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती है यह संसद के नियमों के खिलाफ है पहले भी इस तरह की के मुद्दे सामने आए हैं लेकिन संसद में उन पर चर्चा नहीं की गई । उनका कहना था कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ की समक्ष यह मामला आया तो उन्होंने इस पर यह कहते हुए चर्चा करने से इनकार कर दिया था कि चुनाव आयोग स्वायत्त संस्था है और इस पर सदन में चर्चा नहीं कराई जा सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा की आचार संहिता में इस पर चर्चा करना नियम विरुद्ध है। अब सदस्य स्थापित नियम के खिलाफ चर्चा चाहते हैं तो सदन इसकी अनुमति नहीं देगा। पहले जो नियम बने हैं उनका अनुपालन किया जाएगा इसलिए सदस्यों से आग्रह है कि वह सदन चलने दे । उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण विधायक सदन में पारित किए जाने हैं इसलिए सदस्य अपने सीटों पर बैठ जाएं।
पीठासीन अधिकारी ने हंगामे के बीच विधेयक पारित करा दिया। उनके बार बार आग्रह के बावजूद सदस्यों का हंगामा जारी रहा तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।