
0 दोनों स्वदेशी युद्धपोत, दुश्मन के रडार में नहीं आएंगे
0 ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस
मुंबई। इंडियन नेवी को मंगलवार को दो नए युद्धपोत आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि मिले। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ये दोनों स्वदेशी जहाज हैं। इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड और ध्वनि सेंसर से बचे रहेंगे। इनकी तैनाती इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में होगी, जिससे नौसेना की ताकत बढ़ेगी।
दोनों युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल और भारत-इजराइल बराक-8 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (एलआरएसएएम) से लैस हैं। इनमें 76 एमएम नौसैनिक बंदूकें और समुद्री युद्ध में पानी के अंदर चलने वाला टारपीडो विस्फोटक हथियार भी है।
आईएनएस हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने बनाया है। इसका नाम पुराने आईएनएस हिमगिरि से लिया गया हैै। आईएनएस उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है। इसका नाम आंध्र प्रदेश की उदयगिरि पर्वत सीरीज के नाम पर रखा गया है, जो सिर्फ 37 महीनों में बना है।
18 जून: देश को मिला पहला शैलो वाटर क्राफ्ट आईएनएस अर्णाला
18 जून को देश के पहले एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी) आईएनएस अर्णाला का कमीशन हुआ था। इसे विशाखापट्टनम के नेवी डॉकयार्ड में कमीशन किया गया था। कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के तौर पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान मौजूद रहे थे। महाराष्ट्र के वसई के ऐतिहासिक अर्णाला किले के नाम पर इसे यह नाम दिया गया। यह जहाज हिंद महासागर में नौसेना की दमदार मौजूदगी के लिए डिजाइन किया गया। जो उथले पानी में दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगाने, ट्रैक और डिएक्टिवेट करने में सक्षम है। आईएनएस अर्णाला को 8 मई को भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। 18 जून औपचारिक रूप से शामिल करने का प्रतीक रही। मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) कोलकाता और मेसर्स एलएंडटी शिपबिल्डर्स के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत डिजाइन और बनाया गया।
15 जनवरी 2025 को तीन वॉरशिप आईएनएस सूरत (डिस्ट्रॉयर), आईएनएस नीलगिरि (स्टेल्थ फ्रिगेट) और आईएनएस वाघशीर (सबमरीन) कमीशन किए थे। पीएम मोदी ने कहा था कि इन तीनों अल्ट्रा-मॉर्डन वॉर शिप से नेवी की ताकत और बढ़ी है।
भारतीय नौसेना कितनी मजबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय नौ सेना के पास कुल 20 पनडुब्बियां हैं। इनमें 2 परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां, एक परमाणु-संचालित अटैकर पनडुब्बी, 17 ट्रेडिशनल डीजल-इलेक्ट्रिक अटैकर पनडुब्बियां हैं। 13 विध्वंसक (डिस्ट्रॉयर) जहाज हैं। इनके अलावा 15 फ्रिगेट्स, 18 कॉर्वेट्स, एक उभयचर परिवहन डॉक (आईएनएस जलाश्व), 4 टैंक लैंडिंग जहाज, 8 लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी, एक माइन काउंटरमेजर जहाज और 30 गश्ती जहाज हैं। भारतीय नौसेना का लक्ष्य 2035 तक 175 जहाजों की नौसेना बनाना है, जिसमें 50 जहाज वर्तमान में निर्माणाधीन हैं। 2025 तक, भारतीय नौसेना के पास लगभग 135+ युद्धपोत सक्रिय सेवा में हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के जहाज शामिल हैं। वहीं, आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत समेत 2 मॉडर्न विमानवाहक पोत हैं।

