
0 13,500 कैदी फरार, झड़प में 5 नाबालिग कैदी मारे गए
0 अब तक 30 की मौत, 1000 से अधिक लोग घायल
काठमांडू। पड़ोसी देश नेपाल में दो दिन से जारी युवाओं का हिंसक प्रदर्शन बुधवार को थमता नजर आया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली व अन्य मंत्रियों के इस्तीफे के बाद मंगलवार रात 10 बजे से सेना ने मोर्चा संभाल लिया। सेना ने बुधवार को देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिया और कर्फ्यू लगा दिया। देशभर में कर्प्यू गुरुवार सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा। सेना कहा है कि प्रदर्शन की आड़ में आगजनी, लूटपाट और अन्य विनाशकारी गतिविधियों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।
सोशल मीडिया बैन व भ्रष्टाचार के विरोध में युवाओं द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शन में अब तक 30 लोगों की मौत व 1000 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं इस प्रदर्शन की आड़ में देश के विभिन्न जेलों से 13,500 कैदी फरार हो गए हैं, जबकि पुलिस के साथ हुई झड़प में 5 नाबालिग कैदी मारे गए हैं। वहीं हिरासत में लिए गए 560 कैदी भी फरार हो गए हैं।
बुधवार को देशभर में सेना की टुकड़ियां तैनात किए जाने के बाद नेपाल की राजधानी काठमांडू और अन्य प्रमुख शहर वीरान नजर आया। सेना ने अपने बयान में चेतावनी देते हुए कहा कि प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों और संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उचित तरीके से कार्रवाई की जाएगी। सेना बयान में कहा कि देश की सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। वहीं एम्बुलेंस, दमकल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सुरक्षा बलों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों और कर्मियों को प्रतिबंधात्मक आदेशों और कर्फ्य़ू के दौरान काम करने की अनुमति होगी।
आर्मी चीफ मैदान में
इस बीच हालात को शांत करने के लिए नेपाल आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिग्देल खुद मोर्चे पर हैं। उन्होंने देर रात ‘जेन-जेड’ आंदोलन के प्रतिनिधियों को सेना मुख्यालय बुलाकर उनसे बातचीत की और उनकी मांगों को सुना। उन्होंने मौतों पर शोक जताते हुए युवाओं से संवाद के जरिए समाधान खोजने की अपील की। जनरल सिग्देल ने भरोसा दिया कि राष्ट्रपति के साथ उनकी सीधी मुलाकात कराई जाएगी। साथ ही उन्होंने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा कठिन परिस्थिति को सामान्य करना, सार्वजनिक और निजी संपत्ति की सुरक्षा करना और आम नागरिकों तथा राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना ही सेना की पहली प्राथमिकता है।
नेपाल के सिविल सर्विस हॉस्पिटल में 436 मरीजों का इलाज जारी
नेपाल के सिविल सर्विस अस्पताल में 436 घायल मरीजों का इलाज चल रहा है, जो सबसे ज्यादा है। वहीं, नेशनल ट्रॉमा सेंटर में 161 और एवरेस्ट अस्पताल में 109 मरीज भर्ती हैं। देश भर के 28 अस्पताल घायलों का इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इमरजेंसी सर्विस को सक्रिय कर दिया है और अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है।
केपी ओली बोले- नेपाल हिंसा एक गहरी साजिश
पद छोडने के बाद पहली बार पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने बयान दिया है। उन्होंने युवाओं के नाम खुली चिट्ठी लिखकर प्रदर्शन को गहरी साजिश बताया है। उन्होंने कार्यालयों में आगजनी और जेल से कैदियों को छुड़ाने जैसी घटनाओं को पहले से तय बताया।
प्रदर्शनकारियों में एक नाम पर सहमति नहीं
नेपाल में नई सरकार के नेतृत्व को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं। सेना ने गुरुवार सुबह प्रदर्शनकारियों अपील की कि वे आपसी सहमति से आगे बढ़ें। सेना अधिकारियों ने सेना मुख्यालय के बाहर लाउडस्पीकर से घोषणा करते हुए कहा कि हर समूह अपने-अपने संभावित नेताओं के नाम और संपर्क नंबर सुबह तक उपलब्ध कराए, ताकि बातचीत आगे बढ़ सके। दरअसल, बुधवार को प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन बाहर एकत्र भीड़ ने इसका विरोध किया और उनके खिलाफ नारे लगाए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के मेयर बालेन शाह और अन्य युवा चेहरों का नाम आगे बढ़ाया। गेट पर जमा प्रदर्शनकारियों के बीच से अलग-अलग राय और असहमति साफ दिखाई दी। सेना का कहना है कि इस असंतोष को दूर करने के लिए सभी पक्षों को अपने-अपने पसंदीदा नेताओं के नाम स्पष्ट रूप से देने चाहिए, ताकि आगे की चर्चा सुगम हो सके और संकट का हल निकाला जा सके।

