
0 पुरुषों में बेरोजगारी 5 महीने के निचले स्तर पर
नई दिल्ली। अगस्त 2025 में भारत की बेरोजगारी दर (यूआर) घटकर 5.1% पर आ गई है। जुलाई में यह 5.2% और जून में 5.6% रही थी। यह लगातार दूसरा महीना है जब बेरोजगारी दर में गिरावट रही है। केंद्र सरकार ने 15 सितंबर को बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी किए हैं।
पुरुष बेरोजगारी दर 5 महीने में सबसे कम
पुरुषों में बेरोजगारी दर अगस्त में घटकर 5.0% हो गई है, जो अप्रैल के बाद का सबसे कम है। शहरी क्षेत्रों में पुरुष बेरोजगारी दर जुलाई के 6.6% से घटकर अगस्त में 5.9% पर आ गई। ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों की बेरोजगारी दर जुलाई के 4.6% से अगस्त में घटकर 4.5% हो गई।
वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो अगस्त में बढ़कर 52.2% पहुंचा
वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो यानी डब्ल्यूपीआर अगस्त में 52.2% पर पहुंच गया। ये जून के 51.2% और जुलाई के 52% से थोड़ा बेहतर है। डब्ल्यूपीआर काम कर रहे लोगों का रेश्यो है। लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेश्यो यानी एलएफपीआर अगस्त में 55% हो गया, जो जून में 54.2% था। एलएफपीआर बताता है कि कुल आबादी में से कितने लोग काम या नौकरी तलाश रहे हैं।
महिलाओं का वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो भी बढ़ा
महिलाओं का वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो अगस्त में 32.0% हो गया, जो जुलाई के 31.6% और जून के 30.2% से बेहतर है। महिलाओं का लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेश्यो भी 33.7% हो गया। ये जुलाई के 33.3% और जून के 32.0% से ऊपर है। ये ट्रेंड दिखाता है कि महिलाएं ज्यादा एक्टिव हो रही हैं, शायद सरकारी स्कीम्स या लोकल जॉब्स की वजह से।
बेरोजगारी दर में गिरावट की क्या वजह है?
सरकार ने इसकी साफ-साफ कोई वजह तो नहीं बताई, लेकिन ट्रेंड से लगता है कि मौसमी फैक्टर्स, सरकारी प्रयास या इकोनॉमिक रिकवरी की वजह से हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में तीन महीने की लगातार गिरावट शायद मानसून या कृषि एक्टिविटी से जुड़ी हो। स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स का असर भी हो सकता है। कुल मिलाकर, ये डेटा दिखाता है कि भारत की जॉब मार्केट में सुधार हो रहा है, लेकिन बेरोजगारी दर को अभी भी 5.1% से और कम करने की जरूरत है।
बेरोजगारी दर क्या है?
जो लोग काम करने के काबिल हैं यानि जिनमें काम करने की इच्छा और क्षमता दोनों है, लेकिन रोजगार नहीं मिल रहा। बेरोजगारी दर उन्हीं लोगों का प्रतिशत है। मिसाल के तौर पर, किसी महीने में अगर भारत की बेरोजगारी दर 5% रही, इसका मतलब यह है कि काम की तलाश कर रहे 100 में से 5 लोगों को नौकरी नहीं मिली।