
0 मौके पर शव और एके-47 समेत कई हथियार बरामद
0 मारे गए नक्सलियों की पहचान राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई
0 दोनों पर छत्तीसगढ़ में 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित था
नारायणपुर। छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बार्डर पर नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ के जंगलों में जवानों ने मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी के 2 नक्सलियों को मार गिराया। मारे गए नक्सलियों पर 40-40 लाख रुपए का इनाम घोषित था। जवानों ने दोनों के शव और मौके से हथियार बरामद किया है। मुठभेड़ स्थल की तलाशी के दौरान एक एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक बीजीएल लॉन्चर, भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गईं।
नारायणपुर पुलिस के मुताबिक मारे गए नक्सलियों की पहचान राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई है। दोनों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40-40 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने पुष्टि की है।
नारायणपुर एसपी रॉबिन्सन ने बताया कि छत्तीसगढ़–महाराष्ट्र अंतर्राज्यीय सीमा क्षेत्र स्थित अबूझमाड़ इलाके में माओवादी गतिविधियों की सूचना पर सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया। इस अभियान के दौरान 22 सितंबर की सुबह से माओवादी एवं सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग हो रही थी। मुठभेड़ के उपरांत, मौके से दो पुरुष माओवादी कैडरों के शवों के साथ हथियार, विस्फोटक एवं अन्य सामग्री बरामद की गई।
प्रारंभिक पहचान में पुष्टि हुई कि ये दोनों माओवादी कैडर केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी हैं।
केंद्रीय समिति के दोनों सदस्य राजू दादा और कोसा दादा पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे और अनेक हिंसक घटनाओं के मास्टरमाइंड रहे हैं, जिनमें कई जवान शहीद हुए और निर्दोष नागरिकों की जानें गईं।
नक्सली संगठन को बड़ी चोट पहुंची हैः आईजी
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने कहा कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के खिलाफ चलाए जा रहे निर्णायक अभियानों से संगठन को बड़ी चोट पहुंची है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद बस्तर में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार तथा बस्तर की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा कर रहे हैं। पुलिस महानिरीक्षक बस्तर ने एक बार फिर माओवादी कैडरों और उनके नेतृत्व से अपील की कि वे यह स्वीकार करें कि माओवादी आंदोलन अब अपने अंत की ओर है। यह समय है कि वे हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटें और सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सुरक्षा और लाभ प्राप्त करें।
दोनों नक्सली कैडरों की मूल प्रोफ़ाइल निम्नलिखित है:
1. राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ गुड़सा उसेंदी उर्फ विजय उर्फ विकल्प आयु: 63 वर्ष , पिता का नाम: मल्ला रेड्डी | निवासी: करीमनगर, तेलंगाना l
सीपीआई माओवादी संगठन में
पद : केंद्रीय समिति सदस्य, सीपीआई (माओवादी)
इनाम: 40 लाख (छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा घोषित)
2. कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी उर्फ गोपन्ना उर्फ बुचन्ना
आयु: 67 वर्ष , पिता का नाम: कृष्णा रेड्डी , निवासी: करीमनगर, तेलंगाना l
सीपीआई माओवादी संगठन में
पद : केंद्रीय समिति सदस्य, सीपीआई (माओवादी)
इनाम: 40 लाख (छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा घोषित)
इनके आपराधिक रिकॉर्ड एवं अन्य राज्यों तथा एजेंसियों द्वारा घोषित इनाम से संबंधित विवरण एकत्रित किए जा रहे हैं।
