0 2007 में दिल्ली को रणजी ट्रॉफी जिताने वाले कप्तान
0 पंजाब किंग्स के कोच रहे
मुंबई। फॉर्मर डोमेस्टिक क्रिकेटर मिथुन मन्हास भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के अध्यक्ष बन गए हैं। वे 37वें बीसीसीआई अध्यक्ष हैं। इसका ऐलान रविवार को मुंबई में बीसीसीआई ऑफिस में हुई एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) के बाद हुआ। मन्हास इस पद पर निर्विरोध चुने गए। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर मिथुन मन्हास को बधाई दी। उन्होंने लिखा कि मिथुन मन्हास आधिकारिक रूप से बीसीसीआई के अध्यक्ष बन गए हैं।
जम्मू-कश्मीर की अंडर-15, 16 व 19 टीम में खेले
मन्हास ने जम्मू कश्मीर से अंडर-15, अंडर-16 और अंडर-19 खेला। उन्होंने 3 साल जम्मू-कश्मीर के लिए अंडर-19 खेला। साल 1995 में उन्होंने लगभग 750 रन बनाए और देश के हाईएस्ट अंडर-19 स्कोरर बने। बाद में जम्मू-कश्मीर टीम के कैप्टन बने। इसी परफॉर्मेंस के चलते उनका सिलेक्शन नॉर्थ जोन के लिए हुआ। 12वीं की परीक्षा देने के बाद मन्हास कुछ महीनों के लिए पहली बार दिल्ली आए। तब उनकी उम्र 17 साल थे। यहां आकर उन्होंने दिल्ली के प्रीमियर टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और यहीं से खेलने लगे। उस दौर में दिल्ली की टीम में वीरेंद्र सहवाग और आशीष नेहरा जैसे दिग्गज खेलते थे। दिल्ली के टूर्नामेंट में अच्छा परफॉर्म करने के चलते उनका सिलेक्शन अंडर-19 नेशनल टीम में हुआ। फिर साल 1996 में उनका सिलेक्शन रणजी ट्रॉफी में दिल्ली की टीम में हुआ। हालांकि कोई मैच नहीं खेला। फिर अगले साल 1997 में उन्होंने दिल्ली की ओर से रणजी डेब्यू किया।
दिल्ली रणजी टीम के कैप्टन बने और ट्रॉफी दिलाई
मन्हास ने दिल्ली टीम के लिए लगातार अच्छा परफॉर्म करते हुए मिडिल ऑर्डर में अपनी जगह पक्की की। 2001-02 सीजन में पहली बार रणजी ट्रॉफी में 1000+ रन बनाने वाले खिलाड़ियों में शामिल हुए। फिर वो 2006 से 2008 तक दिल्ली रणजी टीम के कप्तान रहे। उनकी कप्तानी में दिल्ली ने 2007–08 रणजी ट्रॉफी जीती। ये दिल्ली टीम का 16वां रणजी ट्रॉफी खिताब था।
दिल्ली डेयरडेविल्स से आईपीएल डेब्यू हुआ
रणजी में अच्छा परफॉरमेंस देने के चलते मन्हास का सिलेक्शन आईपीएल के पहले सीजन में हो गया। उन्होंने 2008 में दिल्ली डेयरडेविल्स से आईपीएल डेब्यू किया। फिर साल 2011 में आईपीएल में पुणे वॉरियर्स इंडिया से जुड़े। 2015 में चेन्नई सुपर किंग्स टीम का हिस्सा बने।