0 लगातार 7वीं तिमाही ब्याज दर अपरिवर्तित
0 पीपीएफ पर 7.1% ब्याज मिलता रहेगा
नई दिल्ली। सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर (तीसरी क्वार्टर 26) तिमाही के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम्स जैसे- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), पोस्ट ऑफिस एफडी, सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाय) और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। मंगलवार (30 सितंबर) को वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी।
यह लगातार 7वीं तिमाही है, जब ब्याज दरें अपरिवर्तित रहेंगी। इससे पहले, जुलाई-सितंबर (दूसरे क्वार्टर 26), अप्रैल-जून (प्रथम क्वार्टर 26), जनवरी-मार्च (चौथे क्वार्टर 25), अक्टूबर-दिसंबर (तीसरे क्वार्टर 25), जुलाई-सितंबर (दूसरे क्वार्टर 25) और अप्रैल-जून (पहले क्वार्टर 25) तिमाही में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। सरकार ने आखिरी बार दिसंबर 2023 में इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी की थी।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर 7.1 फीसदी ब्याज दर
अभी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर 7.1फीसदी और सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज मिलता है। स्मॉल सेविंग्स स्कीमों पर ब्याज दरें 4 प्रतिशत से 8.2 प्रतिशत के बीच हैं। सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर फैसला लेने से पहले देश में कैश और महंगाई की स्थिति पर भी नजर रखती है। इनकी समीक्षा हर तीन महीने पर होती है।
ब्याज दरों का हर तिमाही में रिव्यू होता है
स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों का हर तिमाही में रिव्यू होता है। इनकी ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया था। समिति ने सुझाव दिया था कि इन स्कीम की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड के यील्ड से 0.25-1.00% ज्यादा होनी चाहिए।
हाउसहोल्ड सेविंग का मेजर सोर्स हैं ये स्कीम
स्मॉल सेविंग स्कीम भारत में हाउसहोल्ड सेविंग का मेजर सोर्स हैं और इसमें 12 इंस्ट्रूमेंट शामिल हैं। इन स्कीम्स में डिपॉजिटर्स को उनके पैसे पर तय ब्याज मिलता है। सभी स्मॉल सेविंग स्कीम्स से हुए कलेक्शन को नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (एनएसएसएफ) में जमा किया जाता है। स्मॉल सेविंग स्कीम्स सरकारी घाटे के फाइनेंसिंग की सोर्स के रूप में उभरी हैं।
स्मॉल सेविंग इंस्ट्रूमेंट को तीन भागों में बांटा जा सकता है
1. पोस्टल डिपॉजिट: सेविंग अकाउंट, रिकरिंग डिपॉजिट, टाइम डिपॉजिट और मंथली इनकम स्कीम
2. सेविंग सर्टिफिकेट: नेशनल स्मॉल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) और किसान विकास पत्र (केवीपी)
3. सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स: सुकन्या समृद्धि योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस)