0 ब्लिंकिट गोदाम में कर्मचारियों से मारपीट
0 कांकेर में महिला का घर तोड़ा, लाठी-डंडे लेकर निकले हिंदू संगठन
0 रायपुर, दुर्ग और जगदलपुर में दुकानें सुबह से बंद रही
रायपुर/दुर्ग/धमतरी/बिलासपुर/कांकेर/जगदलपुर। कांकेर जिले के आमाबेड़ा में हुई हिंसा और धर्मांतरण के विरोध में छत्तीसगढ़ सर्व समाज ने बुधवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया। प्रदेशभर में बंद का असर दिखा। रायपुर, दुर्ग और जगदलपुर में दुकानें व व्यावसायिक प्रतिष्ठान सुबह से बंद रही। वहीं छत्तीसगढ़ बंद के दौरान राजधानी रायपुर में कुछ लोगों ने तेलीबांधा स्थित मैग्नेटो मॉल और कटोरा तालाब के ब्लिंकिट गोदाम में उत्पात मचाते हुए जमकर तोड़फोड़ की। वहीं बंद के दौरान कांकेर में महिला का घर तोड़ा। कई हिंदू संगठन लाठी-डंडे लेकर सड़क पर निकले।
प्रदर्शनकारियों ने मैग्नेटो मॉल में क्रिसमस की तैयारी को लेकर हुई सजावट को तोड़ दिया। बंद कराने वाले हिंदू संगठनों के लोगों ने मैग्नेटो माल के अंदर भी तोड़फोड़ की। वहीं बंद के दौरान ब्लिंकिट सेवा चालू करने के विरोध में कर्मचारियों से मारपीट भी की गई है। इस मामले में तेलीबांधा थाना प्रभारी अविनाश सिंह ने बताया कि रायपुर बंद के लिए समर्थन लेने निकले कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की है, लेकिन अब तक प्रबंधन की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर पूरे मामले की जांच कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
इस बंद को आरएसएस, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स और राज्य के कई व्यापारिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों का समर्थन मिला है। बाजार, दुकानें और प्राइवेट संस्थान बंद रही, जबकि अस्पताल, मेडिकल स्टोर और इमरजेंसी सेवाएं खुली रही। वहीं धमतरी में भी लोगों ने शराब की दुकानें बंद कर दी। बुधवार को सुबह कई व्यापारी राजधानी के प्रमुख मार्गों में दुकानें बंद कराने निकले। उनके साथ बजरंग दल के कार्यकर्ता भी साथ रहे। चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ ट्रांसपोर्ट चैंबर का भी बंद को समर्थन मिला। बंद के चलते प्रदेश के अधिकांश इलाकों में दुकानें, सब्जी मंडियां, ट्रांसपोर्ट सेवाएं और अन्य व्यापारिक गतिविधियां बंद रही। राजधानी रायपुर के अलावा प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में भी बंद का असर देखने को मिला।
कांकेर में फिर से बवाल हो गया
बंद के दौरान कांकेर जिले में फिर से बवाल हो गया है। आमाबेड़ा के उसेली गांव की धर्मांतरित महिला राम बाई तारम का घर तोड़ दिया है। राम बाई तारम का कहना है कि हिंदू धर्म में वापस आने को तैयार नहीं है, इसी बात को लेकर गांव वालों ने तोड़फोड़ की। 5-6 साल से ईसाई धर्म को मान रहे हैं। बीमारी के इलाज के लिए हिंदू धर्म छोड़े हैं।
धमतरी में हिंदुओं के खिलाफ टिप्पणी, समाज ने घेरा कोतवाली थाना
धमतरी में हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के खिलाफ तहसील कार्यालय में बवाल जारी है। हिंदू समाज के लोगों ने कोतवाली का घेराव किया। इस दौरान हिंदू समाज के लोगों ने अनर्गल टिप्पणी करने वाले पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल अभी हिंदू समाज के लोग थाने का घेराव कर रहे हैं। नारेबाजी की जा रही है।
धमतरी के तहसील कार्यालय में बवाल
धमतरी बंद के दौरान तहसील कार्यालय में बावल की स्थिति बन गई। बंद कराने निकले हिंदू समाज के लोगों पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप है। भीड़ ने धर्मान्तरण के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए और काफी देर तक बवाल होने लगा। टिप्पणी करने वाले के ऊपर उचित कार्रवाई की मांग की गई।
बालोद में बंद का रहा असर, नहीं खुली दुकानें
कांकेर जिले के आमाबेड़ा में हुई घटनाओं और कथित धर्मांतरण के विरोध में बुधवार को बालोद जिले में सुबह 7 बजे से संपूर्ण बंद रखा गया। बंद को व्यापारी समाज, अलग-अलग सामाजिक वर्गों और संगठनों का व्यापक समर्थन मिला। बंद के चलते जिले के अधिकांश इलाकों में जनजीवन प्रभावित रहा। बालोद मुख्यालय सहित दल्लीराजहरा, डौंडीलोहारा, डौंडी, गुरुर, गुंडरदेही, अर्जुन्दा और पुरूर में व्यापारियों ने अपनी दुकानें पूरी तरह बंद रखीं, जिससे बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। बालोद शहर में बंद समर्थकों ने सड़क निर्माण कार्य और शराब दुकानों को भी बंद कराया।
जगदलपुर में व्यापारी और दुकानदारों में तीखी बहस
कांकेर में धर्मांतरण और हिंसा के खिलाफ छत्तीसगढ़ बंद है। जगदलपुर में कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोल ली थीं। हिंदू संगठनों और कुछ दुकानदारों के बीच तीखी बहस हुई। हालांकि बाद में दुकानें बंद कर दी गईं। जगदलपुर पूरी तरह बंद रहा।
दुर्ग में सड़कों पर उतरे बजरंग दल के कार्यकर्ता, दुकानों को बंद करवाया
दुर्ग जिले में छत्तीसगढ़ बंद का असर देखने को मिला। बंद को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का सक्रिय समर्थन मिला, जिसके चलते शहर के कई इलाकों में बाजार स्वेच्छा से बंद रहे। सब्जी मंडी सहित प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में सुबह से ही दुकानें नहीं खुलीं, जिससे जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित रहा। बंद के दौरान दुर्ग में माहौल शांतिपूर्ण बना रहा। सर्व समाज के लोग, विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता एकजुट होकर सड़कों पर उतरे और लोगों से सहयोग की अपील करते नजर आए। पुलिस और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए रहे, ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो। बंद को लेकर व्यापारियों और आम नागरिकों ने भी स्वेच्छा से समर्थन देकर एकजुटता का संदेश दिया।
बलरामपुर–रामानुजगंज में खुली रहीं दुकानें
छत्तीसगढ़ में बंद के बीच बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। जिले के सबसे बड़े शहर रामानुजगंज में बाजार और दुकानें सामान्य रूप से खुली रहीं। वहीं जिला मुख्यालय बलरामपुर में भी जनजीवन पर बंद का प्रभाव नहीं दिखा। रोजमर्रा की गतिविधियां सामान्य रूप से चलती रहीं।