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खरमास 14 दिसंबर 2021 से शुरू हो रहा है. इस दिन से भी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी. खरमास के दिनों को अशुभ फल देने वाला माना गया है इसलिए इनदिनों में ज्योतिष खास उपाय करने की सलाह देते हैं. जानें.  खरमास के शुरू होते ही सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी. खरमास के दिनों को अशुभ फल देने वाला माना गया है इसलिए इनदिनों में ज्योतिष खास उपाय करने की सलाह देते हैं. जानें शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इन दिनों में कौन से उपाय करें।
   इस वजह से खरमास को माना जाता है अशुभ: एक बार सूर्य देवता अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्राह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे. इस दौरान उन्हें कहीं पर भी रूकने की इजाजत नहीं थी. यदि इस दौरान वो रूक जाते तो जनजीवन भी ठहर जाता. परिक्रमा शुरू की गई, लेकिन लगातार चलते रहने के कारण उनके रथ में जुते घोड़े थक जाते हैं, और घोड़ों को प्यास लग जाती है. घोड़ों की उस दयनीय दशा को देखकर सूर्यदेव को उनकी चिंता हो गई. और वो घोड़ों को लेकर एक तालाब के किनारे चले गए, ताकि घोड़ों को पानी पिला सकें. लेकिन उन्हें तभी यह आभास हुआ कि अगर रथ रूका तो अनर्थ हो जाएगा. क्योंकि रथ के रूकते ही पूरा जनजीवन भी ठहर जाता.  घोड़ों का सौभाग्य ही था कि उस तालाब के किनारे दो खर मौजूद थे. खर गधे को कहा जाता है. भगवान सूर्यदेव की नजर उन गधों पर पड़ी और उन्होंने अपने घोड़ों को वहीं तालाब के किनारे पानी पीने और विश्राम करने के लिए छोड़ दिया और घोड़ों की जगह पर खर यानि गधों को अपने रथ में जोड़ लिया. लेकिन खरों के चलने की गति धीमी होने के कारण रथ की गति भी धीमी हो गई।
 फिर भी जैसे-तैसे एक मास का चक्र पूरा हो गया. उधर तब तक घोड़ों को काफी आराम मिल चुका था. इस तरह यह क्रम चलता रहता है. पूरे साल चलता रहता है।