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अहमदाबाद। एक भाई साहेब किसी ज्योतिष के पास शुभ प्रसंग करने के लिए मुहूर्त लेने गए। ज्योतिष भैया, शुभ प्रसंग करना है जरा अच्छा मुहूर्त देखकर देना। अनेक मुहूर्त देखे, परंतु उसमें से एक भी ठीक नहीं लगे फिर भी ज्योतिष ने भाई साहेब को एक मुहूर्त निकालकर दिया। जो मुहूर्त दिया उसमें भाई साहेब का काम नहीं हुआ। ज्योतिषी ने दूसरा मुहूर्त निकाला वह भी निष्फल गया, फिर से ज्योतिषी ने तीसरा मुहूर्त निकालकर दिया वह भी फेल हो गया। ज्योतिष भैया, आपने तो अच्छा मुहूर्त निकालकर दिया फिर भी मेरा काम नहीं हुआ। आप बताओ ना, सबसे अच्छा मुहूर्त कौन सा है? सच कहूं, कितने ज्योतिषों ने इस बात को छुपाकर रखा है। हमारे शास्त्र में मुहूर्त के गुण-दोष बताए हैं इसके बारे में चर्चा करेंगे पार नहीं आएगा।
अहमदाबाद में बिराजित प्रखर प्रवचनकार संत मनीषि, प्रसिद्ध जैनाचार्य प.पू. राजयश सूरीश्वरजी महाराजा श्रोताजनों को संबोधित करते हुए फरमाते हैं सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त उत्साह है। जब आप में उत्साह जगे तभी कार्य कर लेना सफलता मिलती है। अगर मन में उत्साह नहीं तो कोई भी कार्य निष्फल जाता है जापान के नितीश भाई सरकार के पुत्र में उत्साह जगा। हमसे संपर्क किया साहेब! मासदामण करना है। चारों ओर कोरोना महामारी का वातावरण है फिर भी लड़के के मन में तप करने की भावना हुई उत्साह जगा मासक्षण पुरा किया। कल ही उनके समाचार आए साहेब! आपकी कृपा से मासक्षमण पुरा उत्साह में हो तब कर लेना जरूर सफलता पाओंगे। उत्साही के लिए मुहुत्र्त की जरूर नहीं पड़ती है। 
पूज्यश्री फरमाते है जीवन निर्माण के हेतु से भक्तामर का पाठ करोंगे तो उसमें से आपको जीवन निर्माण की बान मिलेगी। कहते है मधुरता केवल शब्दों में ही नहीं होनी चाहिए बल्कि तीन चीज में मधुरता पाई जाती है। वह है वचन में मधुरता, ह्रदय में मधुरता तथा आशय में मधुरता (कार्य के परिणाम में मधुरता) होनी चाहिए। याचक को किसी ने दस रूपिया दिया अरे भैया! उसे पैसे क्यों दिए? अरे उसने इतनी मधुरता से मांगा देने को मन हो गया।
आपकी बोली में मधुरता चाहिए। सुनने वालों को अच्छा लगे ऐसे शब्द बोलने चाहिए। दशवैकालिक अध्ययन में बताया है वचन मधुरता से बोलो, स्वर की मधुरता से मधुरता नहीं आती है। किसी के घर की खिड़की पर यदि कौआ बैठकर कांव-कांव करता है तो सभी उसे उड़ देते है लेकिन उसी खिड़की पर यदि कोयल बैठकर कूंकती है तो लोग उसी मधुरता से उसे उड़ाते नहीं है। हर शब्द को मधुरता से बोलने का तरीका आना चाहिए। लोमडी की नजर पेड पर बैठे हुए कौए पर गई। कौएं को देखते ही उसके मुंह में पानी आ गया। कौएं के मुंह में पुरी थी उसे भूख भी जोरों से लगी थी वह सीधा कौएं के पास गया। कौएं भाई! आजकल आप दिखते नहीं हो? कहना पड़ेगा आप काले हो पर कामणगारे हो। आपको पता है हर मानवी के सिर पर काले बाल होते है काले बाल वाला आदमी सुंदर भी दिखता है। मानवी की जब सिर पर सफेद बाल आ जाता है तो लोग उसे आक्टू ऑफ डेट कहते है उस सफेद बाल को छूपाने के लिए मानवी डाई करवाता है क्योंकि उसे युवान रहना ही पसंद है। इसीलिए काला रूप तो सभी को प्यारा है।
कौएं भाई! आप तो काले, हो आपका स्वर भी कितना मधुर है। आज तो आपको मधुर स्वर सुनाना ही पड़ेगा पूज्यश्री फरमाते है इस संसार में सबसे बड़ा झूठ प्रशंसा है। प्रशंसा सभी को प्यारी है। आप भी यदि किसी की प्रशंसा करो तो वह फूले बिना नहीं रहता। लोमडी की बात से कौएं भाई खुश हो गए और वे इस बात सुनकर कौएं ने जैसे ही कांव किया कि उसके मुख से पुरी नीचे गिरने लगी और लोमडी ने उसे अपने मुंह में कैच कर लिया। और मुस्कुराता हुआ आगे चल पड़ा।
अपने स्वार्थ के लिए झूठी प्रशंसा करना वह अन्याय है। जीवन के अंतिम क्षण तक आनंद को टिकाने के लिए वचन-ह्रदय में आशय में मधुरता लानी पड़ेगी। बस मधुर्ता से जीवन को सुवासित करके आत्मा से परमात्मा बनें।