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अजय कुमार
हालात जितने भी भयावह हों, कुल लोगों की सेहत पर इसका फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे लोगों को न भगवान से डर लगता है, न अल्लाह का खौफ इनके रास्ते की बाधा बनता है। अगर ऐसा न होता तो महामारी के इस दौर में कुछ लोग दवाइयों, आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में नहीं जुटे होते। स्थिति यह है कि कोरोना के लिए जरूरी दवा बाजार में औने-पौने दामों पर भेजी जा रही है। रेमडेसीविर इंजेक्शन की भी यही स्थिति है। किल्लत के बहाने मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है। पीडि़त परिवार बेबस है तो कालाबाजारी करने वाले इसी बेबसी का फायदा उठाकर हजारों-लाखों कमाने में लगे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से लखनऊ बुरी तरह प्रभावित है।  यह बात जगजाहिर हैं। सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि किसी कोरोना पीडि़त की दवा के अभाव में तबियत नहीं बिगड़े या मौत न हो,लेकिन सरकार की संवेदनशीलता से कालाबाजारियों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। शहर में ऑक्सीजन की कालाबाजारी  का आलम यह है कि ऑक्सीजन सिलिंडर दस गुना ज्यादा कीमत पर बेचे जा रहे हैं। पांच हजार कीमत के सिलिंडर के 50  हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। वह भी तुरंत नहीं उपलब्ध होते हैं। इसके लिए एडवांस बुकिंग कराना पड़ती है। अडवांस बुकिंग करवाने पर दूसरे दिन डिलिवरी होती है। ऑक्सीजन सिलिंडर के कई डीलरों से फोन पर संपर्क करने पर मनमाने दाम वसूले जाने की पुष्टि हुई है।  स्थिति यह है कि दाम अधिक होने की बात कहने पर जवाब मिलता है कि यह आज की कीमत है। कल क्या कीमत होगी तय नहीं है। क्योंकि रोज चार से पांच हजार रुपये दाम बढ़ रहे हैं। कालाबाजारी करने वाले तो मैदान में कूदे ही हुए हैं। रही सही कसर प्राइवेट अस्पतालों ने पूरी कर दी है। प्रावइेट अस्पताल वाले मरीज की गंभीरता की बजाए उसकी जेब देखकर भर्ती कर रहे हैं। वर्ना कोई न कोई बहाना बनाकर टरका दिया जाता है।
     बहरहाल, अच्छी खबर यह है कि यूपी में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लखनऊ के एसजीपीजीआई में ऑक्सीजन का नया प्लांट शुरू हो गया है। कोरोना मरीजों के लिए राजधानी का एक बड़ा अस्पताल कहे जाने वाले पीजीआई में इस प्लांट के जरिए करीब 20000 लीटर लिक्विड ऑक्सीजन का निर्माण हो पाएगा, जिसे मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
एक तरफ अव्यवस्था का बोलबाला है तो दूसरी तरफ पिछले पांच दिनों से कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गत दिवसरविवार को पांच हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए। 13 अप्रैल को पहली बार पांच हजार से अधिक 5382 लोग पॉजिटिव हुए थे। तब से संक्रमित मरीजों की संख्या रोजाना पांच हजार के ऊपर ही जा रही है। 16 अप्रैल को सबसे ज्यादा 6598 संक्रमित एक दिन में मिलने का रिकॉर्ड है। वहीं 17 अप्रैल को एक दिन में सर्वाधिक 36 मौतों का भी रिकॉर्ड दर्ज हो चुका है। बीते 24 घंटे में 5581 नए लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं। जबकि 22 मरीजों की वायरस से मौत हो गई है।हालांकि राहत की बात यह है कि रविवार को एक दिन में सर्वाधिक 2348 लोग स्वस्थ भी  हुए हैं। संक्रमण के साथ ही साथ स्वस्थ होने वालों की संख्या में तेजी से सुधार होने के चलते थोड़ा शुकून जरूर महसूस किया जा रहा है। पिछले छह दिनों में जब से कोरोना संक्रमितों की संख्या छह हजार के पार जा रही है, तब से अब तक नौ हजार 456 लोग स्वस्थ हुए हैं।सक्रिय मरीजों की संख्या अब लखनऊ में 47 हजार 700 हो गई है। वहीं मौतों का आंकड़ा भी 1503 हो चुका है। एक अप्रैल से अब तक 292 मौतें हो चुकी हैं। जो कि पिछले एक वर्ष में किसी माह में सर्वाधिक मौतों का रिकॉर्ड है। वहीं पिछले छह दिनों की बात करें तो 129 लोग कोरोना से दम तोड़ चुके हैं। जिस तरह के हालात हैं उसमें यह जरूरी हो गया है कि आम आदमी पहले से ही सतर्कता बरतें। वर्ना बाद में देर हो जाती है। थोड़ा-बहुत व्ययाम, गुनगुना पानी पीने के साथ, भंपारा और गरारा कोरोना से बचाव का मूल मंत्र है। हल्का खाना और इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए काढ़ा,हल्दी आदि का सेवन भी जरूरी है। ठंड़े पदार्थ और एसी-कूलर से बच कर रहना है।घर से तब तक बाहर न निकले जब तक बेहद जरूरी न हो। बाहर जाते समय दो गज की दूरी बनाएं रखें। मास्क का प्रयोग करें। वापस आकर अपने आप को पूरी तरह से सेंनेटाइज करें। घर के बुजुर्गो और बच्चों से विशेष दूरी बना कर रखें ।