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आज वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है। इस दिन गणेश जी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का आशय संकट को रहने वाली चतुर्थी तिथि से माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से गणपति जी अपने भक्तों की सभी प्रकार की बाधाएं दूर करते हैं। भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन बेहद ही शुभ माना जाता है। चंद्र दर्शन के बाद ही गणेश चतुर्थी का व्रत संपन्न होता है। आइए जानते हैं कैसे करें चतुर्थी तिथि की पूजा।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि : सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नानादि कर व्रत का संकल्प लें।  आज के दिन अगर लाल वस्त्र पहनें जाएं तो गणेश जी बेहद प्रसन्न हो जाते हैं। पूजा करते समय व्यक्ति को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ आसन या चौकी लें और उस पर गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। इसके बाद उनके समक्ष धूप-दीप प्रज्जवलित करें। फिर ? गणेशाय नम: या ? गं गणपते नम: का जाप करें। फिर भगवान को लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं।  शाम के समय दोबारा पूजा करें और व्रत कथा पढ़ें। फिर चांद देखकर अपना व्रत खोलें। व्रत पूरा हो जाने के बाद दान करें।