नहाय-खाय के साथ आज से तीन दिवसीय जितिया व्रत की शुरुआत हो गई है। जीवित पुत्रिका व्रत हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए बेहद कठिन व्रत माना जाता है। इस व्रत को महिलाएं निर्जला रहकर करती हैं। हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत या जीउतपुत्रीका व्रत करने का विधान है। यह व्रत सप्तमी से लेकर नवमी तिथि तक चलता है। जितिया पर्व महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। यह व्रत संतान की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाता है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में इस व्रत को जिउतिया, जितिया, जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन व्रत नाम से जाना जाता है। इस साल यह व्रत 28 सितंबर को शुरू होगा और 30 सितंबर तक चलेगा. व्रत के एक दिन पहले नाहा कर खाना जो स्त्री इस व्रत को रखती है़ एक दिन पहले से पकवान बनाती है़ सेघा नमक से तथा बिना लहसुन प्याज का खाना शुद्धता से बना कर खाती है़। जितिया व्रत की शुरुआत नहाय खाए से होती है। इस साल 28 सितंबर 2021 दिन मंगलवार को नहाए खाए होगा। 29 सितंबर 2021 दिन बुधबार को निर्जला व्रत रखा जाएगा। जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण 30 सितंबर दिन गुरुवार को सूर्य उदय के बाद किया जाएगा। जितिया व्रत शुभ मुहूर्त व पारण का समय अष्टमी तिथि प्रारंभ- 28 सितंबर 2021 दिन मंगलवार की शाम 06 बजकर 16 मिनट से अष्टमी तिथि समाप्त- 29 सितंबर 2021 दिन बुधवार की रात 8 बजकर 29 मिनट पर
इस व्रत को रखने से पहले यानि आज नोनी का साग खाने की भी परंपरा है। नोनी के साग में कैल्शियम और आयरन की भरपूर मात्रा होती है। जिसके कारण व्रती मताएं के शरीर को पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है. इस व्रत के पारण के बाद महिलाएं जितिया का लाल रंग का धागा गले में पहनती हैं। व्रती महिलाएं जितिया का लॉकेट भी धारण करती हैं। पूजा के दौरान सरसों का तेल और खल चढ़ाया जाता है। व्रत पारण के बाद यह तेल बच्चों के सिर पर आशीर्वाद के तौर पर लगाते हैं।
Head Office
SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH