नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा की उपासना का अत्यंत महत्व है.।नवरात्रि के अंतिम दो दिन यानी अष्टमी और नवमी व्रत के साथ ही नौकन्या पूजन का भी इन दिनों में सर्वाधिक महत्व है। कुछ लोग जहां अष्टमी का व्रत करते हैं. वहीं कुछ नवमी तिथि में व्रत करते हैं। आपकी पूजा अतिशुभ फलदायी हो इसके लिए हम यहां आपको बता रहे हैं अष्टमी और नवमी व्रत पूजा के लिए शुभ मुह्रूर्त।
अष्टमी व्रत तिथि
वैसे मो अष्टमी तिथि 12 अक्टूबर को रात के 9:45 बजे से ही शुरू है लेकिन उदया तिथि 13 अक्टूबर को होने के कारण यह व्रत इसी दिन रखा जाएगा.
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
अमृत काल - सुबह 3:23 बजे से अगले दिन सुबह 4:56 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त - सबुह 4.48 बजे से अगले दिन सुबह 5.36 बजे तक
दिन का चौघडिय़ा
लाभ : 06.26 एएम से 07.53 पीएम तक
अमृत : 07.53 एम से 09.20 पीएम तक
शुभ - 10.46 एम से 12.13 पीएम तक
लाभ- 16.32 एम से 17.59 पीएम तक
रात का चौघडिय़ा
शुभ- 19.32 पीएम से 21.06 पीएम तक
अमृत- 21.06 पीएम से 22.39 पीएम तक
लाभ (काल रात्रि)- 03.20 पीएम से 04.53 पीएम तक
नवमी व्रत तिथि
नवमी तिथि 13 अक्टूबर को रात 8 बजकर 7 मिनट से शुरू हो रहा है लेकिन इस तिथि को व्रत करने वाले लोग उदया तिथि के कारण व्रत 14 अक्टूबर, गुरुवार को रखेंगे।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:43 से दोपहर 12:30 बजे तक
शुभ मुहूर्त : सुबह 11 बजे से दोपहर 12 :35 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 4 : 49 बजे से सुबह 5:37 मिनट तक
ये है दुर्गा पूजा का सबसे शुभ समय
अष्टमी समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी प्रारंभ होने के शुरुआती 24 मिनट के समय को संधि क्षण या काल कहते हैं. संधि काल का ये समय दुर्गा पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है.