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जीत-हार की खुशी और कसक, दोनों को पचा पाना मुश्किल
यह ठीक है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिस तरह से चुनाव जीतने के लिए एड़ी—चोटी का जोर लगाया था, अपनी पूरी टीम को चुनाव के मैदान में उतार डाला था, उसके बावजूद चुनौती को स्वीकार करके तृणमूल कांग्रेस ने जो उसे जिस तरह पटखनी दी, उस चोट को भाजपा
मुकुल रॉय के तृणमूल कांग्रेस में वापसी के मायने
ममता बनर्जी अपनी सभी महत्वपूर्ण घोषणाएं करने के लिए संवाददाता सम्मेलन अपने घर पर ही बुलाती हैं लेकिन मुकुल रॉय की पार्टी में वापसी कराने के लिए वह तृणमूल भवन पहुँचीं ताकि भाजपा को यह संदेश दिया जा सके कि उसे एक बड़ा झटका दिया गया है।
महामारी के बुरे दौर में भी अर्थव्यवस्था को संभालने में सफल रही मोदी सरकार
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार प्रयास करती रही है कि कृषि क्षेत्र को अपने पैरों पर खड़ा किया जाये एवं कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाया जाये ताकि देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित बने और इसके लिए कई उपाय भी किए गए हैं।
क्या ब्राह्मण विरोधी बनती जा रही छवि की काट के लिए लाए गए हैं जितिन प्रसाद ?
२०08 में जितिन प्रसाद राहुल गांधी के कोटे से मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर शामिल हुए। लेकिन देशभर खासकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की खस्ता होती हालत का खामियाजा जितिन प्रसाद को भी भुगतना पड़ा।
विश्व जल-संकट में भूगर्भ जल संस्कृति का महत्व
भूगर्भ जल दिवस 10 जून को मनाया जाता है, पीने योग्य पानी का मुख्य स्रोत भूगर्भ जल ही है, मगर अनियोजित औद्योगीकरण, बढ़ता प्रदूषण, घटते रेगिस्तान एवं ग्लेशियर, नदियों के जलस्तर में गिरावट, पर्यावरण विनाश, प्रकृति के शोषण और इनके दुरुपयोग के प्रति असंवेदनशीलत
सवाल : क्या जनगणना-2021 को टाला जाना संभव है
सवाल : क्या जनगणना-2021 को टाला जाना संभव है प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह किसी भी मुल्क के लिए जनगणना कई मायनों में महत्त्वपूर्ण है।? किसी एक मुल्क के विकास का पैमाना तय करने में जनगणना की उपयोगिता बढ़ जाती है। जनगणना जैसा कि नाम से ही जाहिर हो जाता है कि इस
देश के गांवों को मौजूदा महामारी व भविष्य के स्वास्थ्य संकटों से बचाना एक बड़ी चुनौती
मौजूदा महामारी से पहले भी भारत में महिला संरपचों ने विशेष तौर पर आम आदमी को चिकित्सीय सेवाएं मुहैया कराने में मदद की और उन पर देखभाल करने का जो भरोसा कायम हुआ उस भरोसे का आज अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए।
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में खास भूमिका निभा सकते हैं देश के शैक्षिक संगठन
महात्मा गांधी ने कहा था "वो बदलाव खुद में लाइये जिसे आप दुनिया में देखना चाहते हैं। बापू के इस मार्गदर्शक कथन के तारतम्य में विश्वविद्यालयों से समकालीन पर्यावरणीय चिंताओं के संबंध में सक्रिय भूमिका निभाने की अपेक्षा है।
भयावह है कोरोना की युगांतकारी जीवनशैली
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने भारी तबाही मचायी, अधिकांश परिवारों को संक्रमित किया, लम्बे समय तक जीवन ठहरा रहा, अनेक बंदिशों के बीच लोग घरों में कैद रहे, अब सोमवार से दिल्ली सहित देश के अनेक भागों में जनजीवन फिर से चलने लगेगा।
ऊंची छलांग का अवसर देती तकनीक, नई स्टार्टअप कंपनियों के प्रयासों से दिखी आशा की किरण
कोविड महामारी की दूसरी लहर अपने साथ निराशा लेकर आई। शुक्र है कि लॉकडाउन और टीकाकरण से संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं।