
वाराणसी। अदालत के आदेश पर वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम लगातार तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूरा हो गया है। कल यानी 17 मई एडवाकेट कमिश्नर को कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश करनी है। तीन दिन के सर्वे में क्या-क्या मिला, ये जानने के लिए हर कोई उत्सुक है। गोपनीयता को लेकर सख्त हिदायत की वजह से कोई भी पक्ष इसे लेकर सीधे कुछ बताने से से बचने की कोशिश कर रहा है लेकिन हिंदू पक्ष ने ये दावा जरूर किया है कि सर्वे में जो मिल रहा है, वो उनके पक्ष में है। वहीं वाराणसी डीएम ने कहा है कि किसी भी दावे पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। सोमवार को करीब तीन घंटे तक सर्वे हुआ। ज्ञानवापी परिसर में सर्वे पूरा होने के बाद बिहर निकले श्रृंगार गौरी प्रकरण में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि अंदर बाबा मिल गए। इससे बड़ा समाचार कुछ नहीं हो सकता जिन खोजा तिन पाइयां...तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है। सोहनलाल ने 1996 में इस मामले को लेकर पहला वाद दाखिल किया था। उन्होंने ठोस और विश्वसनीय प्रमाण मिलने के संकेत दिए हैं। तहखाने के अंदर सफाई के दौरान बड़े स्वरूप में एक काला पत्थर मिलने की बात कही है। बताया कि हम कोर्ट में कहेंगे कि 15 फिट मलबा जो पश्चिमी ओर पड़ा है उसका भी निरीक्षण हो। हिंदू पक्ष की ओर से किए जा रहे दावे को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी पक्ष के लोगों ने खारिज किया है। मसाजिद कमेटी पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि सर्वे में क्या मिला, वो कोर्ट में साफ होगा और इसपर आपत्तियां भी की जा सकती हैं। अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने साफ कहा कि अंदर कुछ नहीं मिला। मसाजिद कमेटी पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा कि परिसर और तहखाने में कुछ भी नहीं मिला है। तालाब में शिवलिंग होने का दावा था। पानी निकालकर वीडियोग्राफी कराई गई। वहां ऐसा कुछ भी नहीं दिखा। हम अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि सर्वे को लेकर अगर किसी ने कोई बात कही है या किसी बात का दावा किया है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय है। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद कोई भी बात अदालत के द्वारा ही बताया जाएगा। किसी की बात पर कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। सर्वे पूरा होने पर वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने शहर के लोगों को धन्यवाद दिया है। कहा है कि इस मुश्किल समय में जिस तरह से कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई उसके लिए काशीवासी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने मीडिया को भी धन्यवाद किया। तीसरे दिन यानी सोमवार को तीन घंटे का सर्वे पूरा किया गया। सर्वे के आखिरी दिन में टीम के अधिकारियों और उच्चाधिकारियों के फैसले के बाद परिसर में मौजूद तालाब का पानी निकालकर वीडियोग्राफी कराई गई। साथ ही इस बात की भी जानकारी मिली कि सर्वे से जुड़ी जानकारियां लीक करने के आरोप में सर्वे टीम के एक सदस्य को ज्ञानवापी में प्रवेश करने से रोक दिया गया। सर्वे की रिपोर्ट पूरी तरह से गोपनीय है पर यह कोर्ट में दाखिल होने के बाद ही सार्वजनिक हो सकेगी। सर्वे टीम में शामिल फोटोग्राफर ने बताया कि करीब एक से डेढ़ हजार तस्वीर ली गई है। कोर्ट कमिश्नर को तस्वीरें सौंपी गई हैं। मुस्लिम पक्ष के वकील ने बताया कि हमें तो कुछ नहीं दिखा। अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे। माना जा रहा है कि सोमवार को कमीशन की कार्रवाई के बाद तैयार होने वाली रिपोर्ट में पुरातात्विक सर्वेक्षण का सुझाव अधिवक्ता आयुक्तों की ओर से दिया जा सकता है। साक्ष्य मिलने को लेकर दावे कर रहा वादी पक्ष भी अब इस मांग को नए सिरे से न्यायालय के सामने रख सकता है। श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग पर दायर याचिका में ज्ञानवापी परिसर की हकीकत जानने के लिए कराई जा रही कमीशन की कार्रवाई में कई तथ्य जुटाए गए हैं।