नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया देश में बिजली संकट और कोयले की कमी को देखते हुए सात साल बाद विदेश से आयात करने जा रही है। अप्रैल में कोयले की कमी के कारण हुए छह साल में सबसे गंभीर बिजली संकट को देखते हुए सरकार ने कोयले का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया है।
इसके साथ ही राज्य सरकारों से आयात के लिए की गई प्रक्रिया स्थगित करने को कहा है। ऊर्जा मंत्रालय के 28 मई के एक पत्र में कहा गया है कि कोल इंडिया कोयला मंगा कर सरकार से सरकार (जी2जी) को होने वाली आपूर्ति के लिए घरेलू कोयले में उसे मिलाएगी। इसे सरकारी ताप संयंत्रों व स्वतंत्र बिजली उत्पादक को दिया जाएगा।
इसलिए किया फैसला
पत्र में कहा गया है कि कोल इंडिया के जरिये कोयला आयात का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि तकरीबन सभी राज्यों की राय थी कि अलग-अलग कोयला आयात के ठेके निकालने से असमंजस के हालात पैदा होंगे। इससे बेहतर है कि केंद्रीकृत रूप से कोयला आयात किया जाए। देश में इस साल की तीसरी तिमाही में बिजली की मांग में तेजी आने के कारण कोयले की कमी की आशंका जताई जा रही है।