
चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा फिर विवादों में घिर गए हैं। उनके एक साक्षात्कार की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें वे कह रहे हैं कि सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त नहीं किया जा सकता है, लेकिन उनका तबादला किया जा सकता है। जो अच्छा काम नहीं कर रहे हैं उन्हें 'दंड' के रूप में आदिवासी मामलों जैसे विभागों में स्थानांतरित किया जा सकता है। जबकि गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की पोस्टिंग पुरस्कार है।
हालांकि जब साक्षात्कारकर्ता ने कहा कि बयान कुछ हद तक राजनीतिक रूप से गलत है तो चड्ढा ने कहा कि वह सिर्फ एक उदाहरण दे रहे थे और यह आदिवासी मामलों के बजाय पशुपालन या बागवानी हो सकता है। उन्हें पता था कि उनकी टिप्पणी राजनीतिक रूप से गलत थी लेकिन उन्होंने कहा कि वह सिर्फ एक उदाहरण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृपया इसे सही भावना से लें।
इस इंटरव्यू का वीडियो वायरल होते ही वे विरोधियों के निशाने पर आ गए। आप के पूर्व नेता और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्हें शर्म आती है कि उन्होंने राघव चड्ढा जैसे युवा नेता से उम्मीदें देखीं।
भारतीय युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अभिनव प्रकाश ने कहा कि राघव चड्ढा के अनुसार आदिवासी मामले बागवानी और पशुपालन के बराबर हैं? आप छोटे फासीवादियों और नस्लवादियों से भरी है। यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।
वहीं दिल्ली भाजपा के नेता विनीत गोयनका ने राघव चड्ढा को अभिजात्य बताया और कहा कि आम आदमी पार्टी को लगता है कि आदिवासी मामलों के विभाग में पोस्टिंग सजा है। अरविंद केजरीवाल और उनके छद्म बौद्धिक गिरोह का पर्दाफाश हो रहा है। आप और कितने दिन आम आदमी को धोखा दे सकते हैं?