नई दिल्ली। भारत का टायर निर्यात तेज विकास दर्ज करते हुए, वित्त वर्ष 2021-22 में 50 प्रतिशत बढ़कर 21,178 करोड़ रुपये के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है। पिछले साल टायर निर्यात 14 हजार करोड़ रुपये से कुछ ही ज्यादा था।
ऑटोमोटिव टायर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (ATMA) के चेयरमैन सतीश शर्मा ने कहा, "पिछले दो वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार कोविड महामारी के कारण प्रभावित हुआ है, इसके बावजूद भारत से टायर निर्यात 70 प्रतिशत बढ़ा है। निर्यात के मोर्चे पर यह प्रदर्शन नए भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत से बढ़ती उम्मीदों को पूरा करने की दिशा में भारतीय टायर उद्योग की क्षमता का प्रमाण है।"
भारतीय टायर मैन्यूफैक्चरर्स द्वारा टेक्नोलॉजी के मामले में वैश्विक स्तर के नए स्थापित कारखानों ने देश को निर्यात में जबरदस्त प्रदर्शन करने में मदद की है। उत्पादों के भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की वैश्विक छवि भी मजबूत हुई है।
शर्मा ने आगे कहा, "इस उद्योग को सरकार की आत्मनिर्भर नीति से बहुत मदद मिली है, जिसका लक्ष्य उद्योग के लिए विकास के अनुकूल माहौल बनाना है। टायरों के मनमाने आयात पर रोक से उद्योग जगत को विस्तार का मौका मिला है और साथ उत्पादन बढ़ाने एवं वैश्विक आपूर्ति शृंखला का हिस्सा बनने में मदद मिली है।"
अभी भारत में निर्मित टायर 170 से ज्यादा देशों में निर्यात होते हैं। 19 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अमेरिका भारतीय टायर का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है। टायर उद्योग में कुल निर्यात को अगले तीन-चार साल में दोगुना करने की क्षमता है।