नई दिल्ली। आरबीआई ने यूपीआई के जरिय क्रेडिट कार्ड से भुगतान सुविधा शुरू करने की घोषणा की है। इसकी शुरुआत रूपे क्रेडिट कार्ड के साथ की जाएगी। इस सुविधा के शुरू होने के बाद अगर आपके बैंक खाते में पैसे नहीं है और न ही डेबिट कार्ड है तो भी आप यूपीआई के जरिये क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर सकेंगे।
खास बात है कि भुगतान के लिए हर जगह क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं होता, जबकि यूपीआई के जरिये कहीं और किसी भी इलाके में भुगतान कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड से खर्च करने के बाद उसे चुकाने के लिए 45-50 दिन तक का समय भी मिलता है। अभी तक यूपीआई के जरिये भुगतान सिर्फ बैंक खातों से ही होता है। इसका मतलब है कि आपके खाते में जितने पैसे हैं, उतना ही खर्च कर सकेंगे।
फिनटेक कंपनियों से छुटकारा
अभी बैंकों को फोन पे, गूगल पे जैसी फिनटेक कंपनियों के साथ काम करना पड़ रहा है, जो ग्राहकों से ज्यादा शुल्क वसूलती हैं। लेकिन नई सुविधा के बाद पूरी प्रणाली बदल सकती है। बैंक भी ग्राहकों को सीधे रूपे क्रेडिट कार्ड के जरिये कुछ लिमिट दे सकते हैं। उधर, एनपीसीआई को मर्चेंट की ओर से दिया जाने वाले कार्ड ट्रांजेक्शन शुल्क (इंटरचेंज चार्ज) मिलेगा, जिससे उसकी कमाई बढ़ेगी।
नहीं देना होगा इंटरचेंज शुल्क
यूपीआई भुगतान पर कोई शुल्क नहीं वसूला जाता है। वहीं, क्रेडिट कार्ड से लेनदेन पर 2 फीसदी तक इंटरचेंज शुल्क लगता है, जो मर्चेंट ग्राहकों से वसूलते हैं। नई व्यवस्था में यूपीआई के जरिये क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर ग्राहकों की जगह अब मर्चेंट को यह शुल्क देना पड़ेगा। ऐसे में हो सकता है कि छोटे दुकानदार यूपीआई के जरिये क्रेडिट कार्ड से भुगतान की इस नई व्यवस्था को स्वीकार न करें।
यूपीआई एप से ऐसे लिंक करें कार्ड
सबसे पहले यूपीआई पेमेंट एप को खोलें।
फिर प्रोफाइल पिक्चर पर क्लिक करें।
इसके बाद पेमेंट सेटिंग्स विकल्प में जाएं।
ऐड क्रेडिट/डेबिट कार्ड विकल्प को चुनें।
क्रेडिट कार्ड नंबर, कार्ड की वैलिडिटी तारीख, सीवीवी नंबर और कार्डधारक के नाम सहित अन्य जानकारियां भरें।
यूपीआई एप में पूछी गई सभी जानकारियों को भरने के बाद सेव बटन पर क्लिक करें।
तेजी से बढ़ेगा क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल
वर्तमान में एसबीआई, पीएनबी समेत सात बैंक रूपे क्रेडिट कार्ड दे रहे हैं। नई सुविधा से न सिर्फ लोगों में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तेजी से बढ़ जाएगा बल्कि वीजा और मास्टरकार्ड जैसी अमेरिकी क्रेडिट कार्ड कंपनियों की मनमानी से भी राहत मिलेगी, जो ग्राहकों से भारी-भरकम शुल्क वसूलती हैं। -अश्विनी राणा, संस्थापक, वॉइस ऑफ बैंकिंग