नई दिल्ली। अग्निपथ योजना’ के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए केंद्र सरकार ने अच्छी खबर दी है। दरअसल, इस योजना के तहत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि अग्निपथ योजना’ के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए पीएम मोदी का एक दूरदर्शी व स्वागत योग्य निर्णय है। इसी संदर्भ में आज गृह मंत्रालय ने इस योजना में चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय के इस निर्णय से ‘अग्निपथ योजना’ से प्रशिक्षित युवा आगे भी देश की सेवा और सुरक्षा में अपना योगदान दे पायेंगे। इस निर्णय पर विस्तृत योजना बनाने का काम शुरू हो गया है।
योजना क्या है?
'अग्निपथ भर्ती योजना' के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे। इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा।
सेवानिधि पैकेज क्या है?
हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। इसमें से 70 फीसदी यानी 21 हजार रुपये उसे दिए जाएंगे। बाकी 30 फीसदी यानी नौ हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे। इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी।
चार साल में उसकी कुल बचत करीब 5.02 लाख रुपये होगी। वहीं सरकार की ओर से भी इतनी ही रकम जमा की जाएगी। नौकरी पूरी होने के बाद उसे ये रकम ब्याज सहित मिलेगी। जो करीब 11.71 लाख रुपये होगी। ये रकम टैक्स फ्री होगी।
सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर आर्थिक मदद का प्रावधान भी है। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो 11.71 लाख रुपए होगा।
क्या इस योजना के बाद अभी होने वाली सेना भर्तियां बंद हो जाएंगी?
नई योजना मौजूदा खुली भर्ती की जगह ही लाई गई है। अभी जनरल ड्यूटी के अलावा, क्लर्क, स्टोर कीपर, ट्रेडमैन, नर्सिंग असिस्टेंट जैसे पदों के लिए खुली भर्ती होती है। इसमें चयनित होने वाले युवा करीब साढ़े 17 साल सेना में सेवाएं देते हैं। सेवा समाप्त होने के बाद इन्हें पेंशन भी मिलती है। अब इन पदों पर केवल चार साल के लिए भर्ती होगी। इन अग्निवीर को कोई पेंशन नहीं मिलेगी। सेवाकाल समाप्त होने के बाद उन्हें एकमुश्त राशि ही मिलेगी।
चार साल की सेवा के बाद अग्निवीर का क्या होगा?
चार साल के सेवाकाल के बाद 75 फीसदी जवानों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। अधिकतम 25 फीसदी को रेगुलर काडर में जगह मिलेगी। इसके लिए सेवाकाल पूरा होने के बाद ऐच्छिक आधार पर रेगुलर काडर के लिए आवेदन करना होगा।
चार साल के बाद जिन जवानों को सेवा मुक्त किया जाएगा उनका क्या होगा?
जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें सशस्त्र बल व अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि चार साल के सेवाएं देने वाले अग्निवीर को कई राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों में आने वाली नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। रक्षा मंत्री के एलान के बाद राज्यों के ओर से इस तरह की घोषणाएं भी होने लगी हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस में अग्निवीर जवानों को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
नई योजना के बाद सेना में भर्ती होने वाले सैनिक के लिए क्या-क्या बदलेगा?
नई योजना में भर्ती की प्रक्रिया पहले की ही तरह रहेगी। चयनित होने के बाद छह महीने के कठिन ट्रेनिंग होगी। इसके बाद तैनाती होगी। नई योजना से सेना में युवाओं को ज्यादा मौके मिलेंगे। अभी सेना की औसत आयु 32 साल है। योजना लागू होने के बाद अगले छह से सात साल में ये घटकर 24 से 26 साल हो जाएगी।