रायपुर/दुर्ग/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून अब पूरे प्रदेश में तेजी से छा रहा है। राजधानी रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में रविवार को गरज-चमक के साथ कई जगह हल्की तो कई जिले में तेज बारिश हुई। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, कबीरधाम, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, बलौदा बाजार और बालोद जैसे जिलों में कई स्थानों पर बारिश होने की खबर है।
मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार दोपहर बाद तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा पेण्ड्रा रोड तक पहुंच गई थी। सुबह से ही जांजगीर-चांपा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही और बिलासपुर जैसे जिलों में भी मध्यम से भारी बरसात हुई। मौसम विभाग ने दोपहर बाद इसकी आधिकारिक पुष्ट की। बताया गया कि मानसून की उत्तरी सीमा पोरबंदर, बड़ौदा, इंदौर, उमरिया, पेंड्रा रोड, भवानीपटना, कलिंगपट्टनम, दीघा, गिरिडीह, पटना तक है। मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक प्रदेश में ऐसे ही बरसात हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक एक द्रोणिका उत्तर राजस्थान से मणिपुर तक स्थित है। इसके प्रभाव से प्रदेश में रविवार को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम होने की संभावना बनी है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ बिजली गिरने तथा अंधड़ चलने की संभावना भी बन रही है। कहा जा रहा है कि अंधड़ के समय हवा की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। मौसम विभाग ने 19 से 23 जून के बीच छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर भारी बरसात की संभावना जताई है।
रायपुर में धरना स्थल मैदान पानी-पानी
राजधानी रायपुर में बूढ़ातालाब के पास धरना स्थल, पहली बरसात में ही पानी-पानी हो गया। तेज हवा से आंदोलनकारियों के पंडाल को नुकसान हुआ है। वहीं सड़क से नीचे होने की वजह से धरनास्थल में पानी भर गया है। यहां धरने पर बैठे कई संगठनों के लोग भीग गए।
बुधवार-गुरुवार को आ गया था मानसून
छत्तीसगढ़ में मानसून का आगमन 15-16 जून की रात ही हो गया था। 16 जून को दोपहर बाद मौसम विभाग ने बताया, मानसून छत्तीसगढ़ के बस्तर को पार कर दुर्ग तक पहुंच गया। हालांकि उस दिन केवल जगदलपुर में 30 मिलीमीटर बरसात को छोड़कर कहीं भारी बरसात नहीं हुई। दुर्ग-भिलाई और राजनांदगांव में भी बरसात नहीं हुई थी।
किसानों के चेहरे पर खुशी, बोनी की तैयारी शुरू
मानसून की पहली बारिश होते ही प्रदेश के किसानों में खुशी की लहर है। ग्रामीण इलाकों में अब किसान बोनी की तैयारी में जुट गए हैं। धान बोने के लिए किसान खेतों में हल्का पानी इकट्ठा होने का इंतजार कर रहे थे। अब इस बरसात के साथ यह जरूरत पूरी होती दिख रही है।