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रायपुर। रायपुर नगर निगम बारिश में जल भराव की स्थिति से निपटने में जुटा रहा, लेकिन मानसून की पहली कुछ ही देर की बारिश ने निगम की तैयारी की पोल खोल दी। रायपुर में रविवार सुबह 10:30 बजे से लेकर 1:00 बजे तक रुक-रुक कर हल्की बारिश हुई। बेहद मामूली बारिश ने शहर के कई इलाकों में सड़क पर पानी ही पानी दिखने लगा। हल्की बारिश ने ही कुछ इलाकों में जल भराव कर समस्या का ट्रेलर दिखा दिया।  

लगातार पिछले कई हफ्तों से नगर निगम के अफसर शहर में जलभराव की समस्या को लेकर बैठकें कर रहे थे। तैयारी पूरी करने के निर्देश जारी किए जा रहे थे। अलग-अलग अधिकारी को ड्यूटी भी लगाई जा रही थी। साफ-सफाई के विशेष अभियान भी चला रहे थे। मगर कुछ ही देर की बारिश ने निगम की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी।  

जलभराव की समस्या से सालों से ग्रसित तेलीबांधा के जल विहार कॉलोनी में रहने वाले सैंकड़ों परिवारों को इस बार भी राहत मिलती नहीं दिख रही। रविवार को हुई इस मामूली बारिश ने सड़कों पर पानी जमा कर दिया। स्थानीय लोग सैकड़ों बार इस समस्या को लेकर नगर निगम के अफसरों से मिल चुके हैं। मगर अब तक कुछ नहीं बदला। रविवार काे हुई हल्की बारिश नहीं जल विहार कॉलोनी की गलियों को लबालब कर दिया।

रायपुर के एनआईटी परिसर से लेकर नालंदा परिसर तक जाने वाली सड़क डूबी रही। रविवार को यहां चौपाटी भी सजती है, आधा दर्जन से अधिक दुकानें पानी में होने की वजह से ग्राहकों को तरसती रहीं। शहर के डीडी नगर इलाके में केंद्रीय विद्यालय 2 के पास से सेंचुरी कॉलोनी की ओर जाने वाली सड़क पर भी नाली का बदबूदार पानी जमा हो गया। अब लोग रास्ता बदलकर आना-जाना कर रहे हैं।

इस तरह है निगम की तैयारी
रायपुर नगर निगम के आयुक्त मयंक चतुर्वेदी की तरफ से जानकारी दी गई है कि मानसून की बारिश की वजह शहर में जल भराव की समस्या को दूर करने निगम का एक्शन प्लान तैयार है। रात में शहर की नाले-नालियों की सफाई की जा रही है ताकि पानी जमा न हो। कई बार बारिश में नलों से गंदा पानी भी आता है। इसलिए आयुक्त ने रायपुर के सभी जोन कमिश्नर्स से कहा है कि सभी हैण्ड पंप, पावर पंपों का डिसइंफेक्शन करें, इसके लिए पहले चरण में 25 जून, 10 जुलाई को दूसरा चरण, 30 जुलाई को तीसरे चरण में काम होगा। बाढ़ जैसे हालात बनने पर इलाकों के करीबी स्कूल भवन या सामुदायिक भवन, धर्मशालाओं में लोगों को शिफ्ट कर वहीं उनके खाने रहने का बंदोबस्त करेंगे। सभी गड्‌ढों को पाटने को कहा गया है।