
मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी खींचातान जारी है। एक तरफ गुवाहाटी में बैठे एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं तो सीएम उद्धव ठाकरे ने भी बगावत करने वाले विधायकों के खिलाफ सख्त एक्शन की चेतावनी जारी कर दी है। ऐसे में सभी की नजरें आगे होने वाले घटनाक्रम पर होंगी।
शिंदे के बेटे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन
कुछ लोगों ने ठाणे जिले के कल्याण से लोकसभा सांसद और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे के कार्यालय के बाहर बोर्ड को नुकसान पहुंचाया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को श्रीकांत शिंदे के उल्हासनगर कार्यालय पर पथराव करते हुए दिखाया गया है और उन्हें उद्धव ठाकरे के समर्थन में नारे लगाते हुए भी सुना जा सकता है। वीडियो में चार पुलिसकर्मियों को आठ से दस लोगों के समूह का पीछा करते हुए देखा जा सकता है।
सुरक्षा हटाने के आरोपों से गृहमंत्री पाटिल का इनकार
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने उनके आवास सहित 16 बागी विधायकों के आवास पर उपलब्ध कराई गई सुरक्षा वापस ले ली है। साथ ही शिंदे ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से किया गया कार्य बताया। हालांकि, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने इन आरोपों से इनकार किया है।
इस समय बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल के नाम एक पत्र ट्वीट किया। इसमें 16 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र में विधायकों ने कहा है कि अगर उनके परिवार के लोगों को कुछ हुआ तो मुख्यमंत्री ठाकरे और सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेता उसके लिए जिम्मेदार होंगे।
शिवसेना को और कमजोर करने की योजना: भाजपा नेता
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि पार्टी को महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने की कोई जल्दी नहीं है, बल्कि वह तब तक इंतजार करेगी जब तक कि शिवसेना के मौजूदा संकट का असर शहरों में नगर निगमों तथा कस्बों और जिलों में नगर निकायों के स्तर पर उसकी क्षमता पर नहीं पड़ता। भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में मौजूदा सत्ता संघर्ष केवल राज्य में सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं है, बल्कि भाजपा द्वारा शिवसेना को और अधिक कमजोर किए जाने तथा हिंदुत्व के मुद्दे पर अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने राष्ट्रपति शासन की मांग की
अमरावती से निर्दलीय लोकसभा सदस्य नवनीत राणा ने शनिवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए ताकि उद्धव ठाकरे की गुंडागर्दी बंद हो और महाराष्ट्र के लोगों की इससे रक्षा की जा सके।
हम किसी अन्य पार्टी के साथ विलय नहीं कर रहे: शिवसेना के बागी विधायक
शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हम अभी भी शिवसेना में हैं, गलतफहमी है कि हमने पार्टी छोड़ दी है। हमने अभी अपने गुट को अलग किया है। हमारे पास उस रास्ते पर चलने के लिए दो तिहाई बहुमत है, जो हम चाहते थे। हमारा नया नेता बहुमत से चुना गया। उनके पास 16-17 से ज्यादा विधायक नहीं थे। उन्होंने कहा कि विलय की कोई जरूरत नहीं है, हमारे गुट को अलग पहचान दी जाएगी और हम किसी अन्य पार्टी के साथ विलय नहीं कर रहे हैं।
बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हमारे गुट को मान्यता दी जानी चाहिए, अगर यह नहीं दिया गया तो हम अदालत जाएंगे और अपना अस्तित्व और संख्या साबित करेंगे। हमारे पास संख्या है, लेकिन हम सीएम उद्धव ठाकरे का सम्मान करते हैं, हम उनके खिलाफ नहीं बोलेंगे। हमें उस रास्ते पर चलना चाहिए जिस पर हमने विधानसभा चुनाव लड़ा था।
उन्होंने कहा कि कोई पार्टी हमारे खर्च (होटल के आवास का) का भुगतान नहीं कर रही है। हमारे नेता एकनाथ शिंदे ने हमें बुलाया और हम यहां (गुवाहाटी होटल) आए और रुके। इन सबके पीछे बीजेपी नहीं है।
शिंदे गुट की बैठक
गुवाहाटी के एक होटल में एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में बागी विधायकों की बैठक जारी है।
शिंदे खेमे के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी
महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष ने एकनाथ शिंदे खेमे के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया। ये बागी वर्तमान में गुवाहाटी, असम में रह रहे हैं। इसके अलावा जिन 16 विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया गया है, उन्हें सोमवार यानी 27 जून तक अपना लिखित जवाब दाखिल करना है।
शिवसेना भवन से बाहर निकले उद्धव
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद शिवसेना भवन से बाहर निकले।
राउत ने फिर बागियों को दी चेतावनी
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हमने 6 प्रस्ताव पारित किए हैं और तय किया है कि शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा का पालन करेगी और संयुक्त महाराष्ट्र की विचारधारा से समझौता नहीं करेगी। पार्टी से गद्दारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सीएम ठाकरे के पास बागियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है। हम उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे जिन्होंने अपनी आत्मकेंद्रित राजनीति के लिए बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल किया है। जो चले गए हैं वे बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जिन नेताओं ने शिवसेना छोड़ दी है, वे शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे के नाम पर वोट नहीं मांगें। अपने पिता के नाम पर वोट मांगो। महाविकास अघाड़ी एकजुट है। शाम तक पार्टी छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में बताया जाएगा। सीएम उद्धव ठाकरे ने जो काम किया है वह काबिले तारीफ है। हम सब उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।
शिवसेना सांसद चतुर्वेदी बोलीं- धमकी भरे फोन आ रहे हैं
शिवसेना से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार को कहा कि उन्हें कुछ धमकी भरे फोन आए हैं। मैंने धमकी और अपमानजनक कॉल को लेकर मुंबई के पुलिस आयुक्त संजय पांडे से मिली थी। प्रियंका ने ट्वीट किया, 'मुंबई के पुलिस आयुक्त संजय पांडे से मुलाकात की, जो मुझे कल से वीओआईपी कॉल के माध्यम से राज्य में विकासशील राजनीतिक स्थिति पर धमकी और अपमानजनक कॉल मिल रहे हैं।' उन्होंने कहा कि उनके समय के लिए धन्यवाद और यह पता लगाने की उम्मीद है कि ये कायर कौन हैं?
बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए: उद्धव
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ लोग मुझसे कुछ कहने के लिए कह रहे हैं लेकिन मैं पहले ही कह चुका हूं कि वे (बागी विधायक) जो चाहें कर सकते हैं, मैं उनके मामलों में दखल नहीं दूंगा। वे अपना फैसला खुद ले सकते हैं, लेकिन किसी को भी बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता ने समझाया समीकरण
महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता और संवैधानिक विशेषज्ञ श्रीहरि अणे ने बताया कि विधायकों की अयोग्यता कानूनी तर्क पर आधारित होगी। विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने से पहले डिप्टी स्पीकर को उन्हें सुनवाई का मौका देना होगा। यदि संवैधानिक तंत्र की विफलता है, तो राज्यपाल हस्तक्षेप कर सकता है। महाराष्ट्र में अभी तक वह स्थिति नहीं आई है। गुवाहाटी और मुंबई में दोनों समूहों से प्राप्त अनुरोध पत्रों की प्रकृति के आधार पर उप सभापति एक न्यायालय के रूप में कार्य करते हैं। श्रीहरि ने कहा कि यह मामला विधायिका में ही खत्म नहीं होगा, यह न्यायपालिका के पास जाएगा। ऐसे मामलों को विशेष आधार पर उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में लाया जाता है। पीड़ित द्वारा न्यायिक समीक्षा की मांग न्यायालय में भी की जा सकती है।
गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे की बैठक शुरू
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बीच असम के गुवाहाटी में रुके एकनाथ शिंदे गुट ने भी बैठक शुरू कर दी है। बताया गया है कि इस बैठक में 40 से ज्यादा विधायक शामिल हुए हैं।
बागी विधायकों की सुरक्षा वापस लेने के दावों को गृह मंत्री ने किया खारिज
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने 16 बागी विधायकों के आवास पर उपलब्ध कराई गई सुरक्षा वापस ले ली है। शिंदे ने कहा कि उनकी भी सुरक्षा वापस ले ली गई है और यह “राजनीतिक प्रतिशोध” की भावना से किया गया है। हालांकि, महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने इससे साफ इनकार किया है। पाटिल ने कहा है कि विधायकों की सुरक्षा पहले की तरह ही बहाल है।
महाराष्ट्र में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पार्टी के बागी विधायकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और खारघर में पार्टी कार्यालय के बाहर पुतला फूंका। इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण ने एकनाथ शिंदे के खेमे की तरफ से नवगठित शिवसेना बालासाहेब को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा, "जब तक इसे विधानसभा अध्यक्ष से कानूनी अनुमति नहीं मिलती, तब तक इस प्रकार के समूहों को अधिकृत नहीं किया जाएगा।"