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अजमेर। राजस्थान के अजमेर देवी-देवताओं के अपमान के विरोध में सकल हिंदू समाज की ओर से रविवार को शांति मार्च निकाला गया। शांति मार्च अजंता पुलिया से रवाना हुआ और विभिन्न मार्गों से होता हुआ कलेक्ट्रेट पहुंचा। 

मार्च में शामिल संगठनों के लोग हाथों में तिरंगा लेकर चल रहे थे। इसमें भाजपा के कई नेता, कार्यकर्त्ता और साधु संत भी शामिल हुए। शांति मार्च के कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी दिया गया। इस दौरान पुलिस व प्रशासन की ओर से भी पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए।

शांति मार्च परशुराम मंदिर, लोको ग्राउंड के पास (अजंता पुलिया के पास) से प्रारम्भ हुआ। बाटा तिराहा होते हुए केसर गंज, गोल चक्कर, पड़ाव, कवंडसपुरा, मदार गेट चौराहा, गांधी भवन और कचहरी रोड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा और यहां हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। सकल हिंदू समाज की ओर से आयोजित इस मार्च से कई इलाकों में आवाजाही प्रभावित हुई। मार्च के रूट पर ट्रैफिक व्यवस्था के लिए विशेष पुलिस जाप्ता तैनात किया गया था और शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। एक हजार से ज्यादा पुलिस और आरएएसी के जवानों को तैनात कर जगह-जगह बेरिकेडिंग की गई थी। 

दस ड्रोन कैमरों की मदद से पुलिस इलाके पर नजर रखे हुए थी। सुरक्षा के लिए मार्च को तीन भागों को बांटा अग्र, मध्य और पश्च भाग में बांटा गया था और तीनों पर आला अधिकारियों को तैनात किया गया था। संकल्प हिंदू समाज शांति मार्च निकालने के बाद अजमेर कलेक्ट्रेट पर पहुंचा और जिला कलेक्टर अंशदीप को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। हिंदू समाज के लोगों ने ज्ञापन के जरिए राष्ट्रपति से मांग की है कि भारतवर्ष की सनातन संस्कृति को खंडित करने के षड्यंत्र कर हिंदू देवी देवताओं का अपमान करने वालों पर कार्रवाई जाए। 

हिंदू समाज मार्च को लेकर शहर भर में व्यापार संघ की ओर से समर्थन दिया गया है। मार्च के दौरान व्यापारियों ने कुछ घंटों के लिए अपनी दुकानें बंद रखीं। साथ ही शांति मार्च में शामिल होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।