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नई दिल्ली। देश में करीब तीन माह की सुस्ती के बाद एक बार फिर दलहन के दामों में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। इस तेजी की वजह मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के दलहन उत्पादन वाले इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मानसून में देरी को माना जा रहा है। देश के प्रमुख थोक बाजारों में पिछले सप्ताह से यह तेजी देखी गई है। अरहर दाल में पांच फीसदी तो उड़द की कीमतों में करीब 3-4 फीसदी की तेजी आई है। 

भारतीय मौसम विभाग के हाल के आंकड़ों के मुताबिक 28 जून तक देश भर में बारिश सामान्य से 10 फीसदी कम रही है। इसमें भी दलहन उत्पादक इलाकों मध्य और उत्तर पश्चिम भारत में कुल बारिश सामान्य से 31 फीसदी तक कम रही है। सोमवार तक के आंकड़ों के मुताबिक नौ राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश में दक्षिण-पश्चिमी मानसून पहुंच चुका है और वहां सामान्य से कम बारिश हुई है।

एक जून से 28 जून के बीच मानसून
क्षेत्र                           वास्तविक      सामान्य          प्रतिशत बदलाव
पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत       359.1           302.7            18.63
उत्तर पश्चिमी भारत           54.9             67.7           -18.91
मध्य भारत                   105.5           153               -31.5
दक्षिण प्रायद्वीप              127              149               -14.77
कुल                           134.6         149.8               -10.15
स्रोत: भारतीय मौसम विभाग (आंकड़े: मिलीमीटर में)

उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि देशभर में 24 जून तक दलहन का रकबा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 36 फीसदी कम है। वहीं अरहर की बुआई का रकबा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 55 फीसदी कम है। वहीं उड़द का रकबा 52 फीसदी कम है। आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के मध्यप्रदेश से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में मानसून आने के साथ ही जून महीने में व्यापक पैमाने पर अरहर और उड़द की बुआई हो जाती है, लेकिन इस बार बुआई में देरी हो रही है। 

पहले 10 जून को मानसून आने की उम्मीद की गई थी। इसके बाद 15 जून को आने की उम्मीद की गई। अब 28 जून भी पार कर गया और बारिश में कोई तेजी नहीं आई है। इसकी वजह से दलहन की कीमतों में तेजी आ रही है।

व्यापारियों का कहना है कि अगर जल्द बारिश शुरू हो जाती है तो बाजार स्थिर हो जाएगा, क्योंकि तब फसल तैयार होने में देरी की आशंका खत्म हो जाएगी। चेन्नई में एफएक्यू उड़द की कीमत बीते शनिवार को 7,250 से 7,350 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। जो मंगलवार की सुबह 7,425 रुपये क्विंटल पहुंच गई। आयातित उड़द की कीमत भी शनिवार से करीब 15 डॉलर बढ़कर 940 से 1040 डॉलर प्रति टन के भाव बिकी। चेन्नई के बाजार में अरहर की कीमत पिछले सप्ताह 6,300 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो मंगलवार को बढ़कर 6,325 से 6,450 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई है।

चेन्नई के बाजारों में अच्छी हो रही आवक
दाल मिल एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि इस समय चेन्नई के बाजारों में अच्छी आवक हो रही है। इसकी वजह से व्यापारी उसे मानक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। अन्य दलहन में मसूर और मूंग की कीमत भी बढ़ी है, जबकि चने की कीमत में इस अवधि के दौरान मामूली कमी आई है। अप्रैल से जून सामान्यतया दलहन की मांग के हिसाब से कमजोर महीने होते हैं क्योंकि ग्राहकों के पास अन्य विकल्प उपलब्ध होते हैं।

कीमतों में यह बढ़ोतरी कमजोर मानसून की वजह से है। अगर मानसून में संतोषजनक प्रगति नहीं होती है, तो अगले 3-4 दिन कीमत बढ़ी हुई रह सकती है और दीवाली के बाद यह एमएसपी से ऊपर पहुंच सकती है।

अच्छी बारिश से बंधी है उम्मीदें
मौसम विभाग का कहना है कि अब कई राज्यों में मानसून पहुंच गया है। अगले कुछ दिनों में बिहार के शेष इलाकों, उत्तर प्रदेश के कुछ और इलाकों, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने कहा है कि अरब सागर और गुजरात के शेष इलाकों, राजस्थान के कुछ इलाकों, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के शेष इलाकों, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश होने की संभावना है।