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ग्रेटर नोएडा। ग्रेनो में रहे चीनी नागरिकों के नेपाल बॉर्डर और गुरुग्राम से गिरफ्तारी के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को चीनी नागरिकों व उनके मददगार माने जा रहे रवि नटवरलाल से पूछताछ में पता चला है कि आरोपी भारत से सेलफोन (मोबाइल) स्क्रैप खरीदकर उनके पुर्जे (रैम आदि) चीन भेज देते थे।

जांच एजेंसियों को आशंका है कि सेलफोन इस्तेमाल करने वाले लाखों भारतीयों का डाटा इन पुर्जों के माध्यम से चीन भेजा जा चुका है। इससे न केवल जासूसी, बल्कि देश की सुरक्षा में सेंध व साइबर फ्रॉड का भी खतरा बढ़ गया है। इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियां पूरे मामले की गहनता से जांच में जुटी हैं। 11 जून इंडो-नेपाल बॉर्डर से दो चीनी नागरिकों लु लैंग और यूं हेलंग व गुरुग्राम से जू फाई व उसकी महिला मित्र नगालैंड की रेनुओ पटेखो की गिरफ्तारी के बाद रवि नटवरलाल का नाम सामने आया था।

नोएडा सेक्टर-143 की गुलशन इकबाना सोसाइटी के रहने वाला मूलरूप से गुजरात निवासी रवि नटवरलाल वर्ष 2012 में एमबीबीएस करने चीन गया था। आरोपी वहां कुछ संदिग्ध लोगों के संपर्क में आ गया और एमबीबीएस पूरी करने से कुछ पहले भारत लौट आया। इसके बाद चीन के संदिग्ध नागरिकों के संपर्क में आकर अवैध गतिविधियों में संलिप्त हो गया। उसने सबसे पहले गुजरात में ही चीन की एक इलेक्ट्रोनिक कंपनी से जुड़कर काम किया। 

जब उसे पता चला कि गौतमबुद्घ नगर में सबसे अधिक कंपनियां कारोबार की इच्छुक हैं और यहां चीनी नागरिकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, तो वह यहां आ गया और दो कंपनियों की आड़ में नौ कंपनियां बनाकर लाखों का लेनदेन व खरीद-फरोख्त करने लगा। जांच में सामने आया है कि रवि नटवरलाल की कंपनियों के माध्यम से ही मोबाइल स्क्रैप आदि की खरीद-फरोख्त की गई है।

पहले जताई थी कीमती पुर्जे निकाल नए मोबाइल में इस्तेमाल की आशंका
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि नटवरलाल और यहां रहने वाले चीनी नागरिक दिल्ली के सोनू नाम के स्क्रैप कारोबारी और पानीपत के एक अन्य स्क्रैप कारोबारी के संपर्क में थे। इसी स्क्रैप को भारतीयों की मदद से चीनी नागरिक खरीदते थे। अब तक आशंका जताई जा रही थी कि ये पुराने मोबाइल से कीमती पुर्जे निकालकर चीन भेजते हैं। 


फिर इन्हीं पुर्जों का इस्तेमाल कर नए मोबाइल में इंस्टाल करते हैं, लेकिन अब जानकारी मिली है कि ये ऐसे पुर्जे निकालते थे जिनसे लोगों का डाटा चोरी किया जा सके। एसटीएफ ने भी कोर्ट में रिमांड याचिका पर आरोपियों को दिल्ली व पानीपत ले जाने की बात कही है।

जांच में जुटे अधिकारियों ने कोर्ट में यह बात कही है कि इस मामले में पकड़े गए आरोपी पुराने मोबाइल खरीदकर उनसे रैम आदि निकाल लेते हैं। ये सब चीन भेजे जाते हैं और इससे आशंका है कि भारत के लोगों का डाटा चीन भेजकर देश की सुरक्षा में सेंध लगाई गई है। - रजनीश यादव, अधिवक्ता