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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के गैर आधिकारिक निदेशकों को रक्षा मंत्रालय तथा उपक्रमों के बीच की कड़ी करार देते हुुए कहा है कि उन्हें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार द्वारा की जाने वाली नयी पहलों तथा कदमों के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में मदद करनी चाहिए।

श्री सिंह ने बुधवार को यहां रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के मुख्य प्रबंध निदेशकों और गैर आधिकारिक निदेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश आत्मनिर्भर बनने के सफर में संक्रमणकाल से गुजर रहा है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए सक्रिय तथा सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।

सरकार द्वारा उठाये जा रहे विभिन्न कदमों तथा उपायों का उल्लेख करते हुए श्री सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक रक्षा उत्पादन को 1.75 लाख करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है और इसमें 35 हजार करोड़ रूपये का निर्यात भी शामिल है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इसमें 70 से 80 फीसदी योगदान देकर लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगे। उन्होंने मुख्य प्रबंध निदेशकों तथा गैर आधिकारिक निदेशकों से मिलकर काम करने की अपील की जिससे कि ये उपक्रम दुनिया में अपनी नयी जगह बना सकें।

रक्षा मंत्री ने कहा कि गैर आधिकारिक निदेशकों में स्थिति तथा कामकाज पर नजर रखने की बेहतर क्षमता होती है और मुख्य प्रबंध निदेशकों को गैर आधिकारिक निदेशकों के सुझावों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि गैर आधिकारिक निदेशकों को भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रोत्साहित कर तथा उनका मार्गदर्शन करना चाहिए।
इस मौके पर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट तथा रक्षा सचिव डा अजय कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।