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0 शिंदे गुट बोला- लोकतंत्र में लोग पीएम को भी पद से हटा सकते हैं

नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट्र के सियासी संकट पर उद्धव ठाकरे की अगुआई वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे की याचिकाओं पर बुधवार को चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच में सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने इस मामले में अब 1 अगस्त को सुनवाई करने की बात कही। इस केस में कई याचिकाओं को देखते हुए इसकी सुनवाई को लेकर बड़ी बेंच भी बनाई जा सकती है। 

सुनवाई के दौरान उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर शिंदे की याचिका सुनी गई, तो एक चुनी हुई सरकार गिराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है तो नई सरकार को शपथ नहीं लेनी थी। इस दलील पर एकनाथ शिंदे गुट की ओर से हरीश साल्वे ने कहा कि लोकतंत्र में लोग इकट्ठा हो सकते हैं और प्रधानमंत्री से कह सकते हैं कि सॉरी, अब आप पीएम नहीं रह सकते। साल्वे ने यह भी कहा कि जो लीडर 20 विधायकों का समर्थन भी हासिल नहीं कर सका, वो मुख्यमंत्री कैसे रह सकता है?

बता दें कि मंगलवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर दावा ठोक दिया और लोकसभा स्पीकर के सामने 12 सांसदों की परेड करा दी। शिंदे का दावा है कि शिवसेना के 19 में से 18 सांसदों का समर्थन उनके पास है। इसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने भी बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे समर्थक सांसद राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के नेता के तौर पर मान्यता दे दी है। फिलहाल अभी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 

किन-किन याचिकाओं पर सुनवाई हुई
0 शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के मामले में दाखिल याचिका पर। इस मामले में डिप्टी स्पीकर, शिवसेना और केंद्र को नोटिस दिया गया था।
0 केस सुप्रीम कोर्ट में होने के बावजूद राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट कराए जाने का निर्देश दिया था, इसके खिलाफ भी याचिका दाखिल है।
0 सदन में शिवसेना के नए गुट को मान्यता देने के खिलाफ उद्धव गुट की ओर से दाखिल याचिका पर।
0 एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का न्योता देने वाले राज्यपाल के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट ने याचिका दाखिल की है।

फैसले के कारण अटका मंत्रिमंडल विस्तार
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के साथ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली थी। उनके शपथ ग्रहण के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार का कार्यक्रम अटका हुआ है। विधायकों की सदस्यता पर फैसला होने के बाद ही मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकले हैं। अगर आज सुनवाई में विधायकों की सदस्यता पर फैसला आता है तो जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख का ऐलान हो सकता है।

शिंदे के समर्थन में आए 12 सांसद
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को शिवसेना पर दावा ठोकते हुए लोकसभा स्पीकर के सामने 12 सांसदों की परेड करा दी थी। शिंदे का दावा है कि शिवसेना के 19 में से 18 सांसदों का समर्थन उनके पास है। स्पीकर ओम बिड़ला ने भी बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे समर्थक सांसद राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के नेता के तौर पर मान्यता दे दी। इसके अलावा शिवसेना की ही सांसद भावना गवली को चीफ व्हिप की नियुक्ति को भी मान लिया। शिंदे खेमे में शामिल होने वाले सांसदों में श्रीकांत (एकनाथ) शिंदे, राहुल शेवाले, भावना गवली, हेमंत गोडसे, राजेंद्र गावित, सदाशिव लोखंडे, हेमंत पाटिल, संजय मांडलिक, धैर्यशील माने, श्रीरंग बार्ने, कृपाल तुमाने और प्रतापराव जाधव शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिवसेना पर होगा फैसला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिवसेना पर फैसला होगा। शिंदे गुट को अगर कोर्ट से राहत मिलती है, तो चुनाव आयोग जाएगी। हालांकि शिवसेना पर दावा इतना आसान नहीं है। इसकी वजह शिवसेना का सांगठनिक स्ट्रक्चर है। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने 1976 में शिवसेना के संविधान का मसौदा तैयार किया। इस संविधान के अनुसार यह घोषणा की गई थी कि सर्वोच्च पद यानी 'शिवसेना प्रमुख' के बाद 13 सदस्यों की कार्यकारी समिति, पार्टी को लेकर कोई भी निर्णय ले सकती है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आदित्य ठाकरे, मनोहर जोशी, सुधीर जोशी, लीलाधर दाके, सुभाष देसाई, दिवाकर राउत, रामदास कदम, संजय राउत और गजानन कीर्तिकर शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर अभी उद्धव के साथ ही हैं।

 

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