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0 सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी

0 मरकाम ने कहा- ईडी का फूल फॉर्म इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट रख देना चाहिए

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्षी भाजपा ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि इस सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है। उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इस विषय पर संयुक्त विपक्ष और सत्ताधारी दल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी बहस जारी है।

चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार ने पिछले तीन साल में कुछ भी नहीं किया। जिन वादों के सहारे इनको सत्ता मिली उसको भी पूरा नहीं कर रही है। श्री अग्रवाल ने कहा कि ये कैसी सरकार है? ये सरकार ऐसा कुनबा है, जहां ल_ चल रहे हैं। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं। मुख्यमंत्री को मंत्री, मंत्री को मुख्यमंत्री पर विश्वास नहीं है। शासन को प्रशासन पर विश्वास नहीं है। शासन पर जनता को विश्वास नहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि "सच कोने में दुबका है, दरारों से झांक रहा है। झूठ मदमस्त होकर चौराहे पर नाच रहा है। इस पर मंत्री कवासी लखमा ने टोकते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है या कवि सम्मेलन चल रहा है।

अग्रवाल ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस प्रदेश से 18 लाख लोगों की सिर से छत छिन जाती है। इस सरकार का ही मंत्री कहता है कि दस हज़ार करोड़ रुपए गऱीबों के आवास के चले गए। हर गरीब आदमी का सपना होता है कि उसके सिर एक छत आ जाए। इससे बड़ा कोई पाप हो सकता है। 18 लाख लोगों के सिर से छत छिनने वाली सरकार पर अविश्वास ना जताए तो क्या करें? इस सरकार ने पौने दो लाख करोड़ रुपए का कज़ऱ्ा लिया है। पीएसयू अंडरटेकिंग और राज्य शासन मिलाकर कज़ऱ् लिया गया।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मंत्रियों के निर्णयों की समीक्षा मुख्य सचिव करेंगे। ये कौन सा क़ानून है। मुझे कोप्त होती है कि आल इंडिया सर्विसेस के कर्मचारी सरकार के हर ग़लत निर्णय पर आँख मूँदकर काम करते हैं। इस सरकार को अपने विरुद्ध सुनने की ताक़त नहीं है। ये अविश्वास प्रस्ताव इस सरकार को जनता के बीच बेआबरू कर देगा। ये झूठ, फऱेब, अन्याय, अत्याचार की सरकार है। एक विधायक कलेक्टर पर राजद्रोह का आरोप लगाता है। मंत्रियों में विरोधाभास होता है। राज्य में 25 हज़ार बच्चों और चार हज़ार मंत्रियों की मौत हो जाए तो सरकार का एक मंत्री इन आँकड़ों को झूठा बताता है और एक मंत्री कहता है कि ये आँकड़े हमने केंद्र को भेजे थे।

पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार का एक मंत्री एक कलेक्टर को भ्रष्ट कहता है लेकिन सरकार ने क्या किया? एक कमाई वाले जि़ले से हटाकर दूसरे कमाई वाले जि़ले में भेज देती है। एक विधायक कहते हैं कि थानों में रेट लिस्ट लगनी चाहिए कि किन-किन धंधों में क्या रेट है। एक विधायक कहती है कि रेत माफिया के इशारे पर मेरे पति को गिरफ़्तार किया गया। माफिया को सुरक्षित रखने के लिए एक विधायक का अपमान किया जाए ये चलेगा। एक संसदीय सचिव जिसे सरकार ने लँगड़ा-लूला बना दिया है। वह जुआँ-शराब के विरोध में चक्काजाम करता है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने नए सपने संजोकर भूपेश सरकार को इतना बड़ा बहुमत दिया जितना मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में नहीं मिला। लेकिन सरकार ने जनता की उम्मीदों का गला घोंट दिया। मुख्यमंत्री अब प्रवासी मुख्यमंत्री हो गए हैं। कभी यूपी, कभी बिहार, अब गुजरात और हिमाचल। राज्य की जनता ने इतना बड़ा बहुमत दिया है। कभी अंतर्मन से झांककर देखिए कि क्या उनके साथ न्याय किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता कहते हैं कि छत्तीसगढ़ के हर जि़ले में फ़ूड पार्क बन गया है। जहां किसान टमाटर लेकर जाते हैं, और पैसे मिल जाते है। टमाटर का कैचअप बन जाता है। हम लालटेन लेकर ढूँढ रहे हैं कि ये फ़ूड पार्क कहाँ है।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आसंदी ने बृजमोहन अग्रवाल से समय का ध्यान रखने की बात कही। इसके साथ सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी टिप्पणी की। इस पर बीजेपी सदस्यों ने आपत्ति जताई। सदन में शोर-शराबे की बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि समय का ध्यान रखना आसंदी की व्यवस्था है। इस पर नाराज होने का कोई सवाल नही है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जिस तरह सत्ता पक्ष रोकटोक करा रहा है उससे ऐसा लगता है सत्ता चर्चा से डर रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सदन के नेता खड़े होकर बात रखने लगे तो आप लोग खड़े होकर मर्यादा तोड़े। नेता प्रतिपक्ष आप ऐसे सदन चलाना चाहते हैं।

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मैं पिछले 33 सालों से विधायक हूँ। कऱीब दस बार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा सुनी है, लेकिन आज तक कभी भी अविश्वास प्रस्ताव को रोकने की स्थिति नहीं बनी। सरकार हमें बोलने नहीं दे रही। आसंदी का संरक्षण चाहिए। रेत में से तेल निकालना ये अब तक कहावत थी लेकिन इस कहावत को सरकार चरितार्थ कर रही है। यूपी, असम में चुनाव आता है तो राज्य में रेत के दाम बढ़ जाते हैं। ट्रांसमिशन लाइन के नीचे रेत खोद दिए गए। अधिकारी कहते हैं कि ट्रांसमिशन लाइन लगा रहे हैं। पुल के खम्बों के नीचे से रेत खोदा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में साढ़े तीन सालों में 24 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने आत्महत्या की है। रोज़ाना 25 लोग आत्महत्या कर रहे हैं। पिछले साढ़े तीन सालों में नौ हज़ार युवाओं ने आत्महत्या की है। इसके बाद भी सरकार कहती है, सब खुशहाल हैं। अमन चैन है। गोधन न्याय योजना में अब तक तीन लाख 37 हज़ार लोगों को 148 करोड़ दिए गए है। कऱीब ढाई सौ रुपए। इतनी तो मज़दूरी मिल जाती है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि रेडी टू ईंट फ़ूड का काम छिनकर इस प्रदेश की बीस हज़ार महिलाओं को बेरोजग़ार करने का काम इस सरकार ने किया है। बोधघाट परियोजना का क्या हुआ? टाँय-टाँय फिस्स हो गया। 13 करोड़ रुपए एक ब्लैक लिस्ट कंपनी को दे दिया गया। अपराध की स्थिति बदतर बन गई है। छत्तीसगढ़ अपराध का गढ़ बन गया है। छत्तीसगढ़ आर्थिक बदहाली का शिकार हो गया है। शिक्षा के लिए केंद्र से हर साल दस हज़ार करोड़ मिल रहा है, लेकिन राज्य तीसवें नम्बर पर है।

हमारी सरकार ने जनता का विश्वास हासिल किया: मरकाम

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में सत्तापक्ष के विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि देश में हमारी सरकार ने विश्वास हासिल किया है। 15 सालों की भ्रष्ट सरकार को उखाड़कर जनता ने हम पर भरोसा दिखाया। विपक्ष ने जो आरोप के बिंदु बनाए हैं, उसमें से एक भी आरोप सिद्ध नहीं होते। इनका पहला आरोप है कि हमने जनता के साथ विश्वासघात किया। हम 36 चुनावी वादों को लेकर जनता के बीच गए थे, उनमें से 30 वादों को भूपेश बघेल सरकार ने पूरा कर लिया है।

उन्होंने कहा कि 15 साल बीजेपी की सरकार रही है। तीनों चुनाव के बीजेपी के संकल्प पत्र हमारे पास है। बेरोजग़ारों को पाँच सौ रुपए भत्ता देने का वादा था, हर आदिवासी परिवार को सरकारी नौकरी देने का वादा था, लघु सीमांत किसानों की कज़ऱ्माफ़ी का वादा था, पट्टा देने का वादा था, किसानों को 24 घंटें बिजली देने का वादा था। धान खऱीदी में 300 रुपए बोनस देने का वादा किया था। एक एक दाना धान खऱीदने का वादा किया था। इन वादों का क्या हुआ।

मरकाम ने कहा कि 2013-14 में बीजेपी की सम्पत्ति 700 करोड़ रुपए थी। 2014 के बाद से आज तक की बीजेपी की सम्पत्ति 4 हज़ार करोड़ रुपए है। जनता बेहाल बीजेपी मालामाल। बीजेपी अक्सर कहती है कि सत्तर सालों में कांग्रेस ने क्या किया? बीजेपी के लोग ठीक कहते हैं। बीजेपी ने अपनी सम्पत्ति बनाई और कांग्रेस ने परिसम्पत्तियां बनाई। कांग्रेस की बनाई संपत्ति बेचकर मोदी देश चला रहे हैं। ये विकास पुरुष नहीं, विनाश पुरुष है। जो मोदी कहते थे ना खाऊँगा ना खाने दूँगा। आज गऱीबों का निवाला छिनने वाली मोदी सरकार है।

उन्होंने कहा कि नारा दिया गया था कि बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार। अब देश की जनता कह रही है कि बहुत हुई महंगाई की मार, अब बस करो मोदी सरकार। कच्चे तेल की क़ीमत कम हैं, उसके बाद भी पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमत शतक पार कर गई। उज्जवला योजना शुरू की गई थी। तीन करोड़ लोगों ने दोबारा सिलेंडर नहीं भराया। एक कनवा बाबा थे, जो योगा कराते हुए कहते थे कि मोदी सरकार आएगी तब पेट्रोल तीस रुपए का हो जाएगा। उनकी संपत्ति तीस हज़ार करोड़ की हो गई है। आरएसएस-बीजेपी देश को बाँटने और तोडऩे का काम करती है।

मरकाम ने कहा कि गुजरात मॉडल का जि़क्र कर मोदी देश की सत्ता में आए थे। गुजरात में छह हज़ार करोड़ का कोल घोटाला सामने आया। हज़ारों करोड़ का गाँजा पकड़ाया गया। क्या ये है गुजरात मॉडल। मोदी सरकार के आने के बाद भारत अब विकासशील देश भी नहीं रह गया। वल्र्ड बैंक ने घाना जैसे देश के बराबर भारत को रखा है। छत्तीसगढ़ मॉडल की पूरे देश में चर्चा होती है। कोरोना काल में बनाई हमारी नीति की वजह से जनता की जेब में पैसा गया। तीन सालों में राज्य में 76 हज़ार ट्रैक्टर खऱीदे गए। देश में बेरोजग़ारी दर आठ फ़ीसदी से अधिक है लेकिन छत्तीसगढ़ में 0।6 फ़ीसदी है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों ने देश के विकास में एक उँगली नहीं कटाई और ये हमें राष्ट्रवाद की परिभाषा सिखाते हैं। आरएसएस मुख्यालय में तीन युवाओं के तिरंगा फहराने पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। ये इनका चरित्र है। किसी भी आरएसएस के नेता ने भगत सिंह को श्रद्धांजलि नहीं दी थी। चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ करना बीजेपी की फि़तरत में है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गोवा, कर्नाटक की सरकारों को अपदस्थ कर दिया। ईडी का फूल फ़ॉर्म इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट रख देना चाहिए। बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। बीजेपी के हाफ़ पैंट गैंग वाले हमें क्या सिखाएँगे। हम इनसे लड़ेंगे। 2024 में हम दिल्ली में भी राहुल गांधी के नेतृत्व में सरकार बनाएँगे।