
0 बाढ़-सूखा के प्रभाव के साथ भेंट मुलाकात की घोषणाओं की होगी समीक्षा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अगले महीने मुख्यमंत्री की कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस होने जा रही है। इसके लिए 9-10 सितम्बर की तारीख तय हुई है। इस बैठक में बाढ़ और सूखे के खेती पर प्रभाव भेंट-मुलाकात के दौरान हुई घोषणाओं की समीक्षा होनी है। कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस के एजेंडे में सरकारी और निजी क्षेत्र का रोजगार भी शामिल है।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस का एजेंडा भेज दिया है। इसकी प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर है। पिछली बार 21-22 अक्टूबर को रायपुर में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस हुई थी। सितम्बर में होने जा रही कॉन्फ्रेंस के एजेंडे में बाढ़-सूखा का प्रभाव मुख्य है। सरगुजा संभाग के चार जिलों में कम वर्षा हुई है। इसकी वजह से खरीफ की फसल पर प्रभाव पड़ा है। वहीं बीजापुर, महासमुंद, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ सहित करीब 18 जिलों में भारी बरसात हुई है। गोदावरी और महानदी बेसिन में बाढ़ की स्थिति बनी थी। इसकी वजह से फसलों और घरों को नुकसान हुआ है। सरकार ने बाढ़ और सूखा के प्रभाव के सर्वे का निर्देश दिया था। सितम्बर की बैठक में इसकी विस्तृत समीक्षा होगी।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र से पहले बस्तर और सरगुजा संभाग के विधानसभा क्षेत्रों में सघन दौरा किया था। भेंट-मुलाकात नाम से आयोजित इस दौरे में मुख्यमंत्री ने कई वादे किए। वहीं लोगों की शिकायतों और मांगों पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। अब संबंधित जिलों के कलेक्टरों से एक-एक घाेषणा और निर्देश का अपडेट पूछा जाएगा। एजेंडे में रोजगार भी एक बड़ा विषय है। कलेक्टरों से उनके जिले में पिछले चार सालों के दौरान सरकारी योजनाओं के जरिए निजी क्षेत्र में सृजित रोजगार की जानकारी मांगी गई है। वहीं निजी क्षेत्र में सृजित रोजगार की जानकारी भी अलग से मांगी गई है।
इससे पहले कैबिनेट की बैठक बुलाई गई
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस से पहले राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। यह बैठक 6 सितम्बर को मुख्यमंत्री निवास में होनी है। विभागीय सचिवों को इस बैठक की सूचना भेज दी गई है। इससे पहले राज्य मंत्रिमंडल की बैठक 14 जुलाई को हुई थी। इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री और सभी मंत्री केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ कांग्रेस की रैली के लिए 4 सितम्बर को दिल्ली भी जाने वाले हैं।