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0 जिला प्रशासन के हस्तक्षेप पर माना बीपीसीएल प्रबंधन
0 जल्द ही ढुलाई का नया रेट जारी होगा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पेट्रोल टैंकर संचालकों की हड़ताल खत्म हो गई है। भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड-बीपीसीएल प्रबंधन नया रेट जारी करने पर सहमत हो गया है। इसके लिए रायपुर जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद यह सहमति बनी है। इसके साथ ही टैंकर संचालकों ने पेट्रोल-डीजल की ढुलाई शुरू कर दी है।

छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम टैंकर ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने बताया, बीपीसीएल प्रबंधन के साथ उनकी बातचीत मंगलवार से ही चल रही थी। बुधवार को रायपुर एडीएम एनआर साहू, आरंग एसडीएम अतुल विश्वकर्मा और खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बीपीसीएल के टेरिटरी मैनेजर और संचालकों की बैठक कराई। लंबी चर्चा के बाद कंपनी प्रबंधन ने माना कि पेट्रोलियम ढुलाई के लिए अभी दिया जा रहा रेट अव्यवहारिक है। उन्होंने नया रेट जारी करने पर सहमति जताई है। उसके लिए कंपनी प्रबंधन ने समय मांगा है। अधिकारियों ने नया टेंडर निकलने पर 15 दिन का वक्त भी देने को कहा है ताकि सभी लोग उस प्रक्रिया में शामिल हो सकें। रेट बढ़ाकर नया टेंडर जारी करने के आश्वासन के बाद टैंकर संचालकों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की है। संचालकों का कहना है कि उनके टैंकर ने तेल लोड करना शुरू कर दिया है। हड़ताल खत्म होने के बाद प्रदेश के पेट्रोप पंप पर तेल संकट का खतरा टल गया है।

10% रेट बढ़ाने की मांग
हड़ताली ट्रांसपोर्टरों का कहना था कि कंपनी की पुरानी दर ही उनको कुछ सालों से भारी पड़ रही थी। कंपनी ने नई दर पहले से भी 30% कम रखी है। इसकी वजह से उनकी दिक्कत बढ़ेगी। उनके साथ इस कारोबार से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जुड़े 900 से 1200 लोग बुरी तरह प्रभावित होंगे। इसमें टैंकरों के ड्राइवर, क्लिनर, मैनेजर और दूसरे लोग शामिल हैं। उनकी मांग है कि कंपनी पुराने रेट में 10% की वृद्धि कर नया रेट जारी करे।

कंपनी के साथ यह था टैंकर संचालकों का विवाद
टैंकर ट्रांसपोर्टरों का कहना था कि कंपनी प्रत्येक पांच साल पर पेट्रोल परिवहन का टेंडर जारी करती है। 2017 से 2022 के लिए कंपनी ने 3.65 रुपया प्रति किलोमीटर पर टेंडर किया था। इस बार 2027 तक के लिए टेंडर होना है तो कंपनी 2.72 रुपया प्रति किमी की दर लेकर आई है। इसी बीच पेट्रोल-डीजल के दाम में बेतहासा वृद्धि हुई है। अगले पांच सालों में इसके कम होने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। आशंका है कि दाम और बढ़ेंगे। ऐसे में अगर 2.72 रुपया प्रति किमी की दर से ट्रांसपोर्ट किया गया तो हमारा पूरा कारोबार घाटे में चला जाएगा।