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उज्जैन। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि महाकाल कॉरिडोर का नाम अब महाकाल लोक होगा। श्री चौहान ने यहां आयोजित कैबिनेट की बैठक से पहले अपने सम्बोधन में कहा कि श्री महाकाल परिसर का विस्तार करने की योजना थी। इसके लिए प्रारम्भिक चरण में नागरिकों और मंदिर समिति के सदस्यों से चर्चा कर उनके सुझाव लेकर योजना बनाई गई। एक साल में डीपीआर प्रस्तुत होकर प्रथम चरण के टेंडर 2018 में बुलाए गए। सरकार बदलने के कारण काम सुप्तावस्था में चला गया, लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही इसकी समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके दो चरण तय किये, प्रथम चरण 351 करोड़ रुपये और दूसरे के लिए 310 करोड़ रुपये स्वीकृत किये। कई मकान विस्थापित किये गए, लेकिन उनको कष्ट न देते हुए 150 करोड़ रुपये की लागत से उन्हें विस्थापित किया। रुद्रसागर को पुनर्जीवित किया है। इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा। मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया। दूसरे चरण में भी कई यहां काम पूर्ण होने हैं।

श्री चौहान ने कहा कि ये सभी कार्य श्री महाकाल ही करवा रहे हैं। प्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को प्रथम चरण का उद्घाटन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 200 वर्षो बाद ऐसा पहली बार मौका आया है कि सरकार सेवक के रूप में उज्जैन में बैठक कर रही है। आज का पहला निर्णय यही है कि महाकाल परिसर 'महाकाल लोक' के नाम से जाना जाएगा। एक सैद्धांतिक फैसला ये है कि नर्मदा का जल सदैव क्षिप्रा में आएगा। कारखानों के दूषित जल को डायवर्ट करने का काम चल रहा है। क्षिप्रा नदी किनारे रिवर फ्रंट भी विकसित किया जाएगा जिससे उज्जैन का अलग रूप निखरेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री महाकाल की सवारी निकलती है तो पुलिस बैंड भी निकलता है। अब महाकाल पुलिस बैंड प्रारंभ करेंगे जिनका उपयोग अनेक त्योहारों और पर्व पर किया जाएगा। इसमें 36 नये पदों का सृजन किया जाएगा।