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रायपुर। तेलंगाना में नक्सलियों को इलाज कराने ले गए बीजापुर के कांग्रेस नेता के पकड़े जाने के बाद प्रदेश की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्‌ठी लिखकर जांच की मांग की है। इस पर अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 15 साल के शासन में नक्सलियों से सांठगांठ इनकी रही है।

अरुण साव के आरोपों से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नक्सलियों के साथ सांठगांठ तो इनके रहे हैं। इनका पूरा कार्यकाल उठाकर देख लो। रसीद देते हुए, चंदा देते हुए, मंत्रियों के यहां आते हुए पकड़े गए हैं। सबसे बड़ा उदाहरण तो झीरम घाटी है, जो आपराधिक राजनीतिक षडयंत्र रहा है। उसमें तो ये कुछ कर नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय भीमा मंडावी की हत्या का मामला। वह तो इनके ही विधायक थे। राज्य पुलिस मामले की जांच कर रही थी, उसे एनआईए ने ले लिया। कितने साल हो गए, उसमें आज तक कुछ हुआ। उसके बारे में अरुण साव पत्र क्यों नहीं लिखते।

बता दें कि सोमवार को नक्सलियों के साथ कांग्रेस नेता के पकड़े जाने की सूचना मिलने के बाद से ही भाजपा आक्रामक है। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने राजधानी में प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पर नक्सलियों से सांठगांठ का आरोप लगाया। थोड़ी देर बाद प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा। इसमें कहा कि भोपालपट्‌टनम ब्लॉक का महामंत्री केजी सत्यम तेलंगाना में 4 नक्सलियों के साथ पकड़ा गया है। छत्तीसगढ़ के ऐसे कितने कांग्रेस नेता हैं इस बात की जांच भी होनी चाहिए। उन्होंने लिखा कि छत्तीसगढ़ में स्थिति संवेदनशील है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं और नक्सलियों के बीच क्या संबंध हैं यह जांच का विषय है।