0 सभी आरोपी बिहार के रहने वाले
भिलाई नगर। दुर्ग जिले के अमलेश्वर थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े हुई सराफा व्यापारी सुरेन्द्र कुमार सोनी (52 वर्ष) की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस की माने तो वारदात को अंजाम लूट नहीं हत्या के इरादे से दिया गया। दुर्ग पुलिस ने हत्या और लूट को अंजाम देने वाले सभी 4 आरोपियों को धरदबोचा है। कल दोपहर घटना के बाद एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने तत्काल टीम बनाकर आरोपियों की पतासाजी शुरू करा दी थी। सीसीटीवी के एक के बाद एक अलग-अलग जगहों से मिले फुटेज के बाद लगातार सुराग मिलता गया और टीम आरोपियों के पीछे-पीछे बनारस तक जा पहुंची जहां से सभी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हत्या और लूट की घटना में शामिल आरोपी सौरभ कुमार सिंह पिता अर्जुन सिंह उम्र 24 निवासी ग्राम दंडीबाग थाना गया जिला गया, अभय कुमार भारती उर्फ बाबू पिता वंश राज भारती उम्र 18 निवासी बामणिया थाना धानापुर जिला चंदौली, आलोक कुमार यादव पिता सतेंद्र यादव उम्र 18 साल ग्राम पहलेजा सापुदियारा थाना सोनपुर छपरा अभिषेक कुमार झा पिता अवध किशोर झा उम्र निवासी ग्राम रजला जिला मुजफ्फरपुर सभी चारों आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
गुरुवार दोपहर एक से डेढ़ बजे के बीच आरोपी अमलेश्वर के तिरंगा चौक स्थित समृद्धि ज्वेलर्स पहुंचे और दुकान संचालक सुरेन्द्र कुमार सोनी को अकेला पाकर उस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई और दुकान से जेवर भी लूटकर ले गए। सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को आरोपियों के चेहरे भी नजर आए और सीसीटीवी में कैद पूरी घटना को देख पुलिस ने जांच तेज कर दी। देर रात तक दो संदेहियों को भी पुलिस ने खोज निकाला।
पुलिस के मुताबिक आरोपी प्रोफेशनल शूटर थे और उसने मात्र 8 मिनट में ही घटना को अंजाम दे दिया। सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों में एक बदमाश दिव्यांग था और उसका आधा हाथ भी कटा हुआ था। उसी ने व्यापारी पर सबसे पहले गोली चलाई। इससे बाद दूसरा आरोपी काउंटर से कूदकर व्यापारी के सामने पहुंचा औरउस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। पुलिस ने देर रात दो संदेहियों की पहचान कर उसके फोटो भी जारी किए हैं। उसके बाद लगातार पुलिस को एक के बाद एक सफलता मिलती गई। अंतत: आरोपियों को बनारस में धरदबोचा।
आरंग में हुई थी प्लानिंग:दिल्ली और झारखंड से बुलाए गए थे सुपारी किलर
आरंग में पहले दो आरोपी पहुंचे हुए थे, जो कि सुपारी देने वाले आरोपी के साथ मिलकर पिछले चार दिन से वारदात की प्लानिंग कर रहे थे। दिल्ली और झारखंड से मुख्य शूटर आने के बाद दो दिनों तक और आरंग में ही रहकर पूरी प्लानिंग की गई। 6 दिनों की कंप्लीट प्लानिंग करने के बाद सही मौका मिलते ही वारदात को अंजाम दिया गया।